सिद्धि और पारिजात योग में मनेगी मकर संक्रांति, राशि के अनुसार करें दान
	 
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	इस वर्ष भी मकर संक्रांति पर सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में पहुंचने पर पूरे प्रदेश में मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान व दान-पुण्य का महत्व है। इसके साथ ही माघ स्नान की भी शुरुआत हो जाएगी। सनातन धर्म में मकर संक्रांति का अनूठा महत्व है। सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाएंगे और खरमास समाप्त हो जाएगा। प्रयाग में कल्पवास भी मकर संक्रांति से शुरू होगा। 
	 
	14 जनवरी 2018 को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। रविवार 14 जनवरी की प्रात:काल सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। रविवार दोपहर 12 बजे से शाम 5.15 बजे तक सूर्य का मकर में संक्रमण होगा। इसलिए दोपहर 12 से शाम 5.15 बजे तक पुण्यकाल रहेगा। 
	 
	शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्यास्त से पहले सूर्य का संक्रमण हो तो उसी तिथि व दिन मकर संक्रांति मनाना शास्त्रसम्मत है। इस बार सिद्धि योग और पारिजात योग का शुभ संयोग बन रहा है। त्रयोदशी तिथि रविवार को आने से सिद्धियोग बन रहा है। गुरु और मंगल तुला राशि में रहने से पारिजात योग बनेगा। मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, चूड़ा-दही, खिचड़ी, लकड़ी और अग्नि दान किया जाता है। इस दिन राशि अनुसार दान कर इसका विशेष फल पा सकते हैं।
								
								
								
										
			        							
								
																	
	 
	राशि के अनुसार करें दान 
	 
	मेष: तांबा की वस्तु, दही
	वृष: चांदी, तिल
	मिथुन: पीला वस्त्र, गुड़
	कर्क: सफेद ऊन, तिल
	सिंह: गुड़, गेहूं
	कन्या: हरा मूंग, तिल
	तुला: गुड़, सात तरह के अनाज 
	वृश्चिक: लाल वस्त्र, दही
	धनु: पीला वस्त्र, गुड़ 
	मकर: कंबल, गुड़ 
	कुंभ: कंबल, घी 
	मीन: चना दाल, तिल 
	 
	मकर संक्रांति पर सभी के लिए सामान्य दान : तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल।