मकर संक्रांति का शास्त्रों में अत्यधिक महत्व है। सूर्य के मकर राशि में संचार करने पर इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन हो जाता है।
शास्त्रों के अनुसार उत्तरायन देवताओं का दिन, तो दक्षिणायन देवताओं की रात्रि होती है। यह समय दान के लिए विशेष महत्व रखता है। इस समय पवित्र नदियों में किया गया स्नान सभी पापों से मुक्ति दिलवाने वाला होता है।
सूर्य जब उत्तरायन का होता है,उस समय किए गए समस्त शुभ कार्य विशेष लाभ देने वाले माने जाते हैं। यही वजह है कि जनवरी से लेकर जून के मध्य तक सूर्य उत्तरायन होता है, उस समय शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त अधिक होते हैं।