Shri Mangal Dev Grah Mandir Amalner: कुंडली में मंगल दोष हैं तो विवाह होने में बहुत अड़चने आती हैं। जैसे तैसे विवाह हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन शांतिपूर्ण तरीके से चलना मुश्किल हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार ऐसे में मंगल दोष की शांति कराना जरूरी हो जाता है। मंगल दोष की शांति या मंगलिक दोष से मुक्ति के लिए महाराष्ट्र में जलगांव के पास अमलनेर में स्थित मंगल देव ग्रह मंदिर में विशेष पूजा और अभिषेक किया जाता है। जानिए क्या है इसका महत्व।
मांगलिक दोष । Manglik dosh: किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह 'मांगलिक दोष' कहलाता है। कुछ विद्वान इस दोष को तीनों लग्न अर्थात लग्न के अतिरिक्त चंद्र लग्न, सूर्य लग्न और शुक्र से भी देखते हैं। मान्यता अनुसार 'मांगलिक दोष' वाले जातक की पूजा वर अथवा कन्या का विवाह किसी 'मांगलिक दोष' वाले जातक से ही होना आवश्यक है।
नेक और बद मंगल- Mangal dosh : मेष व वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना गया है। सूर्य और बुध मिलकर मंगल नेक बन जाते हैं, सूर्य और शनि मिलकर मंगल बद बन जाते हैं। यनी यदि आपकी कुंडली में सूर्य और शनि की युति है तो भी आपको मंगल पूजा कराना चाहिए। मंगल यदि बृहस्पति के साथ युति बना रहा है तो यह बलवान बन जाएगा। मंगल की राशि प्रथम भाव है और बुध और केतु शत्रु। शुक्र, शनि और राहु सम। मंगल के साथ शनि अर्थात राहु। नेक मंगल किसी ईमानदार सैनिक या पुलिस की तरह होता है और बद मंगल वाला व्यक्ति क्रोधी, घमंडी और क्रूर होता है।
कहां कराना चाहिए मंगल अभिषेक- Manglik dosh abhishek : यदि आप मांगलिक हैं, बालू, मिट्टी, खेती, जमीन, बिल्डर शिप से संबंधित कार्य करते हैं तो आपको एक बार यहां जरूर जाना चाहिए। दुनिया में मंगलदेव की यह एकमात्र मूर्ति है जो उन्हीं के स्वरूप की है। यहां पर मंगलदेव अपनी माता भूमि माता और पंचमुखी हनुमानजी के साथ विराजमान हैं। मंगल ग्रह मंदिर अमलनेर में उचित मूल्य पर मंगल दोष की शांति होती है। मंगल दोष की शांति का यह एक मात्र स्थान बताया जाता है।
मंगल दोष निवारण पूजा और अभिषेक | Manglik dosh nivaran pooja and abhishek: यहां मंगल ग्रह की शांति के लिए प्रतिदिन अभिषेक किया जाता है। मंगलवार को यहां पर अभिषेक कराने के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। यहां सभी की समस्याओं के समाधान के लिए भोमयाम अभिषेक भी किया जाता है। अभिषेक कराने के लिए लिए आपको पहले से ही यहां पर रजिस्ट्रेशन करना होता है।
हर मंगलवार को मंगलदेव की मूर्ति पर पंचामृत अभिषेक किया जाता है। इसके लिए करीब 2 घंटे लगते हैं। इस अभिषेक के लिए एक ही श्राद्धालु को पूजा का सामान प्राप्त होता है। मंगलवार को पंचामृत अभिषेक की तरह की प्रतिदिन प्रात: 5 बजे के करीब नित्य प्राभात 'श्री मंगलाभिषेक' भी किया जाता है। इसके लिए भी करीब 2 घंटे लगते हैं।
इसी के साथ यदि आप स्वंत्र अभिषेक कराना चाहें तो करा सकते हैं। अभिषेक के साथ हवन कराने चाहें तो वह भी करा सकते हैं। सभी की दक्षिणा अलग अलग देय होती है। मान्यता है कि एक भी अभिषेक कराने से शर्तियां आपका मंगल दोष दूर हो जाता है और मंगलदेव की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आरंभ होने लगता है। यदि आप मांगलिक दोष से पीड़ित हैं या जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं तो एक बार मंगलदेव के शरण में जरूर जाएं, क्योंकि एक मात्र मंगलदेव ही है सभी के मंगलकर्ता।