मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान हिंसा में पांच लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए वहीं 82 फीसदी मतदाताओं ने शनिवार को अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीसी लॉमकुंगा ने बताया कि शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार 82 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। हालांकि इस संबंध में विस्तृत ब्योरा अभी नहीं मिला है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चंदेल जिले के सुगनू विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर उग्रवादियों ने हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ के एक जवान, ग्राम स्वयंसेवक बल के तीन कर्मियों और एक आम नागरिक की मृत्यु हो गई और दो अन्य जख्मी हो गए।
लॉमकुंगा ने कहा कि जिले में डंपी थाना में गोलीबारी में तीन लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में एक मतदाता, उसके समर्थक और एक सुरक्षाकर्मी की मृत्यु हो गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में तीन चार स्थानों पर मतदान के पहले बम बरामद किए गए और उन्हें निष्क्रिय किया गया। संदेह है कि उग्रवादियों ने वे बम लगाए थे।
उन्होंने बताया कि खुराई चिंगंगबम इलाके, सावमबंग उच्च विद्यालय, इंफाल पूर्व जिले में खोमिडोक और इंफाल पश्चिम जिले में नौरेमथांग उच्च विद्यालय क्षेत्र में मतदान शुरू होने से पहले उग्रवादियों द्वारा लगाए गए बम को जब्त कर लिया गया और उसे निष्क्रिय कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ओ. इबोबीसिंह के अलावा विधानसभाध्यक्ष और कांग्रेस उम्मीदवार आई हेमचंद्रसिंह, पूर्व मुख्यमंत्री राधाविनोद कोइजम सहित कई वरिष्ठ नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद हो गया। चुनावी मैदान में कुल 279 उम्मीदवार थे। चुनाव के लिए 2357 मतदान केंद्रों पर कुल 12 हजार 967 मतदानकर्मियों को तैनात किया गया है। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए अर्धसैनिक बलों की करीब 350 कंपनियों को तैनात किया गया था।
उखरूल जिले में शुक्रवार को उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में चुनाव ड्यूटी पर तैनात दो सीआरपीएफ जवानों की मृत्यु हो गई थी। (भाषा)