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इकलौता बच्चा और उसका व्यवहार

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महानगरों में आजकल ज्यादातर व्यस्त दंपत्तियों की संतान इकलौती होने लगी हैं। अकेले बच्चे की कई समस्याएँ होती हैं। लेकिन अगर समझदारी से उसकी परवरिश की जाए तो उन्हें सुलझाया जा सकता है।

आज का समय एकल परिवार का है। महानगरों में ज्यादातर घरों में बच्चे इकलौते होने लगे हैं। महानगरीय सभ्यता के फ्लैट सिस्टम ने बहुत कुछ बदल डाला है। कमरतोड़ महँगाई, बढ़ती जनसंख्या, भौतिकतावाद और माता-पिता की अति महत्वकाँक्षाओं ने उन्हें अकेला कर दिया है।

कुछ साल पहले तक दो या तीन बच्चे ठीक समझे जाते थे, पर धीरे-धीरे यह सिस्टम भी 'एक' या 'एक भी नहीं' पर आकर ठहर चुका है। लेकिन अकेले बच्चों की अपनी ढेरों समस्याएँ हैं, जो कभी-कभी गंभीर हो जाया करती हैं।

* जिद्दी बन जाते हैं अकेले बच्चे :
अगर माता-पिता कामकाजी हैं, बच्चे को समय नहीं दे पाते तो उसमें बच्चे की जिम्मेदारी पूरी न कर पाने के चलते एक अपराधबोध जन्म लेता है। वे बच्चे को महँगे खिलौने, उपहार आदि देकर इसे कम करने की कोशिश करते हैं। समय का विकल्प कभी खिलौने या उपहार नहीं हो सकते।

शुरू-शुरू में लगता है कि बच्चा ही तो है, छोटी-सी चीज माँग ली तो क्या वह भी पूरी न करें, मगर बड़ा होने के बाद यही आदत असहनीय होने लगती है। बाद में जिद पूरी नहीं होती तो वह उसके लिए सारे हथकंडे अपनाने लगता है। यह प्रवृत्ति उसे उद्दंड और गैर जिम्मेदार बनाती है।

* आत्मकेंद्रित हो सकते हैं ये :
अकेला बच्चा अपनी बातें किसी से नहीं बाँट पाता, परेशानियाँ नहीं बता पाता, अपनत्व व प्यार की कमी के चलते वह आत्मकेंद्रित और अंतर्मुखी हो जाता है। वह लोगों के बीच घुलने-मिलने से कतराने लगता है, खिलौने शेयर नहीं करना चाहता, हमेशा जीतना चाहता है, दूसरे बच्चों को सहन नहीं कर पाता। इस तरह की कई प्रवृत्तियाँ अकेले बच्चे में आम तौर पर होती हैं।

* काम से जी चुराते हैं :
इकलौता बच्चे को ज्यादा लाड़-प्यार एवं सुख-सुविधा मिलती है। खासतौर पर नौकर या बाई वाले घरों में बच्चे के सारे काम दूसरे कर देते हैं। इससे उसमें काहिली और आलस घर कर जाते हैं। वह अपने छोटे-छोटे कामों के लिए दूसरों पर निर्भर होने लगता है।

माता-पिता को भी लगता है कि एक ही बच्चा है, क्यों काम में उलझाया जाए। मगर यह सोच बच्चे के मन में गलत आदतें डालती है। बच्चे में शुरू से ही छिटपुट काम करने की आदत न डाली जाए तो जब वह बड़ा होगा उसे बेहद परेशानी होगी।

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