जैसे अति हर चीज की बुरी होती है वैसे ही पेरेन्ट्स की यह आदत की दवाई की दुकान से सीधे कैल्शियम के टॉनिक या टेबलेट्स लाकर बच्चों को दे देना, उन्हें नुकसान पहुँचा सकता है। फिर भी आप चिंतित हैं कि आपके बच्चे की कैल्शियम की जरूरत पूरी हो रही है अथवा नहीं तो आप अपने शिशु रोग विशेषज्ञ से मिलकर ही अगला कदम उठाएँ।
"माय बेबी स्ट्रांगेस्ट" इसी ख्वाहिश के साथ माता-पिता अपने बच्चे का पालन-पोषण करते हैं। अपने बच्चे को स्ट्रांग बनाने के अनेक तरीकों में जो एक तरीका उन्हें सबसे अधिक लुभाता है, वो है मजबूत बोन्स (हड्डियाँ)।
यह तो प्रायः सभी को मालूम है कि मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। लेकिन फिर भी कैल्शियम क्या है, यह शरीर में कैसे कार्य करता है, कैल्शियम कहाँ से शरीर को मिलता है, इसको लेकर अनेक जिज्ञासा रहती है।
"कैल्शियम मतलब "स्ट्रांग बोन" यह बात 100 फीसद सच है कि मजबूत हड्डियाँ एवं दाँतों के लिए कैल्शियम जरूरी है। कैल्शियम एक तरह का मिनरल है जो कि शरीर में हड्डियों में बहुतायत (99 प्रतिशत) में होता है, इसका सिर्फ 1 प्रतिशत भाग ही खून में होता है।
हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के अलावा भी कैल्शियम के शरीर में और भी अनेक कार्य हैं जैसे कि माँसपेशियों एवं खून के प्रवाह का समुचित संचालन, दिमाग की तरंगों को शरीर के अन्य भाग में पहुँचाना आदि। कैल्शियम की कमी से बच्चों की हड्डियों में लचीलापन आ जाता है जिससे की रिकेट्स नामक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
क्र. पदार्थ मात्रा कैल्शियम
1. दूध एक कप या गिलास - 300 मिमी
2. दही एक कप - 300 मिग्रा
३. संतरे का ज्यूस एक कप - 300 मिग्रा
4. संतरा एक मीडियम साइज - 50 मिग्रा
5. पालक आधा कप - 120 मिग्रा
6. आइस्क्रीम (साफ्टी) आधा कप - 120 मिग्रा
7. रतालु या शकरकंद आधा कप- 45 मिग्रा
8. बीन्स आधा कप 110 - मिग्रा
* इसके अलावा हरी सब्जियाँ, मसूर, बादाम, मटर, ब्रोकली आदि में भी कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
* वे पदार्थ जो दूध से बने होते हैं जैसे चीज, मिल्क शेक, पनीर आदि भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं।
कितने कैल्शियम की जरूरत है आपके बच्चों को :
शरीर में कैल्शियम की जरूरत का आकलन शिशु की उम्र के हिसाब से होता है जैसे -
* 1-3 वर्ष 500 मिग्रा (लगभग दो गिलास दूध के जितना)।
* 4-8 वर्ष 800 मिग्रा (लगभग तीन गिलास दूध के जितना)।
* 9-18 वर्ष 1300 मिग्रा (लगभग चार गिलास दूध के जितना)।