जब आपके घर नन्हें-मुन्ने का जन्म होता है तब घर के सभी लोग खास कर घर की नानी-दादी व बड़ी महिलाएं आपको अपने बच्चे की रोज मालिश कराने की सलाह देती हैं। उनकी यह सलाह पूरी तरह जायज भी है। बरसों से हमारे यहां हर बच्चे के जन्म के बाद उसकी मालिश होते आई है। तो आइए जानते है आखिर क्यों आपके नन्हे बच्चे की मालिश इतनी जरुरी है...
नवजात बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। उनके जन्म के 20 दिन बाद से ही उनकी मालिश या कह लें बेबी मसाज शुरु कर दी जानी चाहिए। आइए जानें शिशु की मालिश के जादुई फायदे...
1. मालिश से बच्चे के शरीर की थकी हुई माँसपेशियों को आराम मिलता है।
2. मालिश बच्चों को कई तकलीफों जैसे पसलियों का दर्द, थकान आदि से फायदा पहुँचाती है।
3. इससे रक्त संचार बढ़ता है और बच्चे के शरीर का विकास तेजी से होता है।
4. इससे बच्चे का शरीर मजबूत बनता है।
5. मालिश के साथ बच्चे की गेहूँ के आटे व तेल की लोई भी की जाती है। इससे उनके शरीर के अनचाहें बाल भी निकल जाते है तथा रक्तसंचार भी बढ़ता है।
6. मालिश का कोई विशेष मौसम नहीं होता है। यह हर मौसम में की जा सकती है। गर्मियों में दिन में दो बार तथा सर्दियों में तीन बार मालिश करना उचित रहता है।
मालिश कि शुरुआत कब से करें? जानने के लिए अगले पेज पर क्लिक करें...
शुरुआत कब से करें?
सामान्यत: बच्चे के जन्म के पहले हफ्ते के बाद से ही मालिश आरंभ कर देनी चाहिए तथा 18 माह तक जारी रखनी चाहिए। सुबह एक बार बच्चे को नहलाने से पहले तथा शाम को उसके सोने से पहले मालिश करनी चाहिए।
मालिश का सही तरीका क्या हैं?
अपने दोनों पैर फैलाकर बच्चे को पैरों के बीच में आरामदायक मुद्रा में लिटाएँ। फिर हाँथों में तेल लेकर बच्चों के पैरों की तरफ से मालिश शुरू करते हुए छाती व हाथ तक ले जानी चाहिए। उसके बाद बच्चे को पीठ के बल लिटाकर मालिश का यही तरीका आजमाएँ। अंत में बच्चे के चेहरे व सिर की मालिश करनी चाहिए।
मालिश के समय क्या सावधानियां बरतें?
नन्हें शिशु की मालिश करना कोई आसान काम नहीं है। खासकर तब जब वह एक या दो हफ्ते का हो। नन्हे शिशु की देखरेख करने में घर की बड़ी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चा बहुत ही ज्यादा नाजुक होता है। ऐसे में उसी सही से लेटाना व सही प्रेशर देते हुए मालिश करना बहुत जरूरी होता है। मालिश से बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता पर इसके लिए आवश्यक है कि मालिश सही तरीके से की जाए।