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इन 3 फूड्स से बढ़ सकती है इनफर्टिलिटी की समस्या, स्वास्थ्य के लिए अच्छे होकर भी फर्टिलिटी को करते हैं प्रभावित

अगर कर रहे हैं बेबी प्लान तो ना खाएं ये फूड्स

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WD Feature Desk

, बुधवार, 11 सितम्बर 2024 (14:21 IST)
Foods causing infertility:  आज महिला और पुरुषों में फर्टिलिटी से जुड़ी अलग-अलग समस्याएं तेज़ी से बढ़ रही हैं। इसके कई कारण हैं जिनमें जीवनशैली से जुड़े कारण काफी कॉमन हैं। तनाव, खान-पान की ग़लत आदतें और स्मोकिंग जैसी आदतों के कारण भी लोगों में गर्भधारण से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।

वहीँ कुछ ऐसे फूड्स भी हैं जिनकी वजह से फर्टिलिटी प्रभावित होती है। यदि आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं तो आपको इनकी जानकारी होना चाहिए। कुछ ऐसे ही फूड्स हैं जिनसे उन लोगों को जरूर परहेज करना चाहिए जो प्रेगनेंसी प्लानिंग कर रहे हैं। क्योंकि, इनके सेवन से आपके गर्भधारण के चांस कम हो सकते हैं। आज इस आलेख में हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स की जानकारी दे रहे हैं।ALSO READ: गर्भाशय की ये समस्याएं बनती हैं इनफर्टिलिटी का कारण, समझिए किन कारणों से होती है कंसीव करने में परेशानी

इलायची (Cardamom)
आयुर्वेद में वात (vata) और कफ दोष (kapha) को संतुलित करने के लिए हरी इलायची के सेवन की सलाह दी जाती है। साथ ही इलायची का सेवन करने से बदनदर्द (bodyache), सीने में जलन ( heartburn), डिसूरिया (dysuria) और मुंह के कड़वे स्वाद को कम करने के लिए भी किया जाता है। इलायची हमारी पाचन शक्ति बढ़ाता है और साथ ही कफ, खुजली और अन्य समस्याओं से आराम दिलाता है।

लेकिन जब बात प्रजनन शक्ति की है तो जहां एक ओर इलायची का सेवन करने से पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile dysfunction) जैसी समस्याओं से आराम मिल सकता है। वहीँ एक्सपर्ट्स के अनुसार महिलाओं को इलायची का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। विशेषकर, प्रेगनेंसी के दौरान इलायची का अधिक सेवन करने से आपको नुकसान हो सकता है। 

अलसी के बीज (Flax Seeds)
फ्लैक्सीड्स का सेवन हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है। फ्लैक्सीड्स शरीर में हेल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवल (healthy cholesterol levels) मेंटेन करने के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसी तरह अलसी का सेवन करने से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क कम होता है। जबकि, पेशाब से जुड़ी समस्याएं भी कम करने के लिहाज से अलसी के बीजों का सेवन फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, आयुर्वेद में फ्लैक्सीड्स को उसकी गर्म तासीर के चलते संभलकर खाने की सलाह दी जाती है।

दरअसल, अलसी के बीजों को स्पर्म्स काउंट को कम करने वाला फूड बताया जाता है। इसका अर्थ है कि फ्लैक्सीड्स का सेवन करने से स्पर्म्स की संख्या कम हो सकती है। इसीलिए, जो लोग गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं उन्हें अलसी का सेवन संभलकर करना चाहिए।

गुड़हल
पित्त दोष की समस्या में गुड़हल का सेवन अच्छा मना जाता है। यह शरीर को ठंडक देकर पित्त को शांत करता है। वहीं, हिबिस्कस की चाय पीने से स्ट्रेस कम होता है। लेकिन, अगर आप गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं तो आपको हिबिस्कस के सेवन से बचना चाहिए।


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