IVF करवाने के लिए पीरियड्स के बाद किस समय बनते हैं प्रेग्नेंसी के ज्यादा चांस
जानिए IVF से जुडी ये महत्वपूर्ण जानकारी और समझिए इस प्रक्रिया को
embryo transfer precautions
IVF Embryo transfer after periods: आज के समय में कपल्स के बीच फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं एक बड़ी प्रॉब्लम्स है। कपल्स में इंफर्टिलिटी की समस्या लाइफस्टाइल, हेल्थ और तनाव, बढ़ती उम्र या ट्यूब में ब्लॉकेज जैसे अलग-अलग कारणों की वजह से हो सकती है।
इन सबके साथ लोगों में आईवीएफ को लेकर पूरी जानकारी नहीं है और इसीलिए, उनके मन में कई तरह के सवाल और मिथक भी होते हैं। जैसे अक्सर यह सवाल उठता है कि पीरियड्स के बाद कब या कितने दिन बाद आईवीएफ ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है।
पीरियड्स के कितने दिन बाद होता है आईवीएफ ट्रीटमेंट? (IVF Treatment after periods)
एक्सपर्ट्स के अनुसार, आईवीएफ प्रोसेस गर्भधारण की कोशिश कर रही महिला के पीरियड्स के बाद स्टार्ट किया जाता है। दरअसल, पीरियड्स के बाद शरीर में होनेवाली कुछ प्रक्रियाएं (जैसे हार्मोन्स के स्तर में बदलाव और एग्ज का प्रॉडक्शन) के आधार पर आईवीएफ की शुरूआत की जाती है।
महिला के मेंस्ट्रुअल साइकिल का पहला दिन बेसलाइन टेस्ट (baseline tests) और हार्मोन्स के इंजेक्शन्स (hormone injections) लगाने के लिए बिल्कुल ठीक होता है। वहीं दूसरे या तीसरे दिन भी यह प्रक्रिया आगे बढ़ायी जा सकती है। यह समय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वजह समय जब आपके शरीर के साथ प्रोसेस को तालमेल बिठाने में सहायता हो सकती है। इससे एग के विकास के चांस बढ़ जाते हैं।
कैसे होता है IVF?
पीरियड्स के दूसरे या तीसरे दिन (second or third day after menstrual periods) में डॉक्टरों द्वारा कुछ बेसलाइन टेस्ट किए जाते हैं। महिलाओं के ब्लड टेस्ट के अलावा यूट्रस की इनर लाइनिंग की जांच की जाती है। इसके लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन (ultrasound scan) किया जा सकता है।
IVF की प्रक्रिया में महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को लैब में एक साथ रखा जाता है और उन्हें फर्टिलाइज करने की कोशिश की जाती है। यह काम पीरियड्स के दूसरे दिन या 5 दिनों के भीतर किया जाता है। उसके बाद जब एम्ब्रियो या भ्रूण का निर्माण हो जाता है तो उसे गर्भाशय में इम्प्लांट (implanting IVF embryo) किया जाता है।
आईवीएफ सफल होने के लिए क्या सावधानी राखी जनि चाहिए (Precautions for successful IVF treatment)
ओवेरियन स्टिमुलेशन (ovarian stimulation) से लेकर एंब्रियो ट्रांसफर (embryo transfer), की सभी प्रक्रियाएं फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट द्वारा बहुत ही सावधानी से तैयार की जाती है। आईवीएफ प्रोसेस की सफलता (Success of IVF process) के लिए आपको हर प्रक्रिया और पूरे शेड्यूल का सावधानी से फॉलो करना चाहिए।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।