Parenting Tips : बच्चे में अच्छी आदतों को बढ़ावा देने के लिए अपनाएं ये तरीके
बचपन से इन बातों का रखेंगे ध्यान तो बच्चे की पर्सनालिटी का होगा पूरा विकास
Parenting Tips : हर माता-पिता अपने बच्चे में अच्छी आदतों को बढ़ावा देना चाहते हैं। ये सच है कि बच्चों को जैसा माहौल बचपन से मिलाता है वे जीवन में वही सब सीखते हैं। इसीलिए ज़रूरी है कि यदि आप अपने बच्चों में अच्छे सामाजिक गुण और मूल्य विकसित करना चाहते हैं तो उन्हें बचपन से ही कुछ ऐसी बातों से परिचित करवाते रहें जो आप उनके व्यवहार में देखना चाहते हैं।
ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के हार्वर्ड मनोवैज्ञानिक रिचर्ड वीसबर्ड ने कुछ ऐसे तरीके बताए हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को एक अच्छा इंसान बनाने के साथ-साथ उसे दयालु और दूसरों के साथ सहानुभूति रखने वाला भी बना सकते हैं। पैरेंट्स को दूसरों से पहले अपने बच्चों की खुशी पर ध्यान देना चाहिए लेकिन बच्चों को सिखाना चाहिए कि उन्हें अपनी और दूसरों की जरूरतों के बीच में संतुलन बनाकर चलना है। जैसे कि अगर उसके किसी दोस्त को बुली किया जा रहा है, तो बच्चे को उसकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। इसी विषय पर आज के आलेख में हम आपसे रू ब रू हैं।
बच्चे के मन में दया भाव विकसित करें : अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा एक ऐसा इंसान बने जिसे दूसरों की परवाह हो और जिसके दिल में दूसरों के लिए प्यार और दया की भावना हो, तो आप बच्चे को यह चीजें सीखने में मदद करें। इसके लिए आप बच्चे के सामने ऐसे अवसर पैदा करें, जहां उसे दूसरों की केयर करने की जरूरत हो।
बच्चे को दूसरों की केयर करना सिखाएं : बच्चे को समझाएं हम खुद अपनी और अपनों की केयर और परवाह करते हैं और बच्चे को भी यही सिखाते हैं कि उसे अपने परिवार और दोस्तों की केयर करनी है लेकिन आपको बच्चे का यह दायरा बढ़ाना चाहिए। उसे गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद करना सिखाएं। उसे बताएं कि उनकी मदद करना कितना जरूरी है।
बच्चे को भावनाओं को समझने में मदद करें: बच्चे को बताएं कि गुस्सा करना या शर्मिंदा महसूस करना सामान्य बात है लेकिन उनके साथ किस तरह से डील करना है, यह अहम है। आप बच्चे को अपनी भावनाओं को समझने में मदद करें।
बच्चों के लिए बनें रोल मॉडल: बच्चों के लिए उनके सबसे पहले टीचर और रोल मॉडल उनके पैरेंट्स ही होते हैं इसलिए आप अपने बच्चे के सामने अपना बेस्ट देने की कोशिश करें। जो आचरण आप अपने बच्चे की पर्सनालिटी में देखना चाहते हैं वही उसके सामने खुद भी प्रस्तुत करें। ध्यान रखिये बच्चा आपके शब्दों से ज़्यादा आपके कामों से सीखता है।