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दारासिंह, शम्मी कपूर को पद्‍मश्री देने की अपील

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नई दिल्ली। लेखकों, पत्रकारों और कलाकारों की प्रसिद्ध संस्था 'आधारशिला' ने भारत सरकार से दारासिंह, शम्मी कपूर, जीतेंद्र, जादूगर सम्राट शंकर और ऋषि कपूर को पदम्‌ पुरस्कारों से सम्मानित करने की अपील की है।
 
संस्था के अघ्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक प्रदीप सरदाना ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से पत्र लिखकर कहा है कि पदम्‌ पुरस्कारों के इस हीरक जयंती वर्ष में कुछ ऐसे कलाकारों को भी याद कर लिया जाए जिन्होंने अपनी कला से अपार योगदान दिया है। फिर भी उन्हें अभी तक पदम्‌ विभूषण या पदम्‌ भूषण तो दूर पद्‍मश्री तक नहीं मिला।
 
सरदाना ने यह भी लिखा है कि भारत सरकार सन 1954 से 2014 तक कुल 2679 व्यक्तियों को पद्‍म पुरस्कारों से सम्मानित कर चुकी है, लेकिन इन 60 बरसों में बहुत से ऐसे कलाकार पद्‍म पुरस्कारों से गौरवान्वित होने से रह गए हैं, जिन्हें यह सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। इनमें विश्व प्रसिद्ध पहलवान और अभिनेता दारासिंह और अपने अनूठे अंदाज के लोकप्रिय अभिनेता शम्मी कपूर तो यह सम्मान पाए बिना ही इस दुनिया से विदा हो गए, जबकि अपनी जादुई कला के साथ समाज सेवा में भी अग्रणी जादूगर सम्राट शंकर,जाने माने वरिष्ठ अभिनेता जीतेंद्र और ऋषि कपूर अपनी 40 बरसों से भी अधिक की कला साधना के बावजूद देश के इस बड़े सम्मान से दूर हैं। जबकि इनसे कई जूनियर और कुछ साधारण कलाकारों को भी पद्‍म पुरस्कार मिल चुके हैं।
 
उधर इस बात से तो और भी आश्चर्य होता है कि जादू जैसी प्राचीन कला से इन बरसों में सिर्फ एक ही जादूगर पी सी सरकार को 1964 में पदमश्री मिली और उसके 50 बरस बाद तक किसी और जादूगर को पदम्‌ सम्मान नहीं दिया गया। जबकि हरियाणा सरकार पिछले 15 बरसों से जादूगर शंकर के नाम की अनुशंसा भारत सरकार से करती आई है।
 
जादूगर शंकर सन 1974 से देश विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक करीब 25  हजार जादुई शो कर चुके सम्राट शंकर ने 17 हजार शो सिर्फ चौरिटी के लिए करके अपार राशि विभिन्न राहत कोशों में देकर समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाई। यहाँ तक जादूगर शंकर के जादू को अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, राजीव गांधी, चन्द्रशेखर, ज्ञानी जैलसिंह, भैरों सिंह शेखावत, राजनाथसिंह और सुषमा स्वराज सहित कई मुख्‍यमंत्री, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री तक देख उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।
 
ऐसे ही पहलवानी और शक्ति का पर्याय बन चुके तथा अपनी कुश्तियों में अपने समय के सभी पहलवानों को हराकर विश्व विजेता बन चुके रुस्तम-ए-हिन्द दारा सिंह तो सही मायने में भारत रत्न हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें हमेशा भुला दिया। दारासिंह ने 1952 से लेकर 2011 तक  लगभग 215 फिल्मों में अभिनय करके और 7 फिल्मों का निर्देशन करके फिल्म संसार को भी अपना अपार योगदान दिया। 
 
यह सरकार पिछली सरकारों की भूल सुधारते हुए जीतेंद्र, सम्राट शंकर और ऋषि कपूर को पद्‍मभूषण या पद्‍मश्री देने के साथ दारासिंह और शम्मी कपूर को भी मरणोपरांत पद्‍म पुरस्कार से सम्मानित करे तो सर्वत्र एक अच्छा संदेश जाएगा। 
 

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