नई दिल्ली। हाल ही में आर्ट एंड एस्थातिक्स ऑडिटोरियम, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में आर अनुराधा के पहले काव्य संग्रह 'अधूरा कोई नहीं' का लोकार्पण हुआ।
कार्यक्रम में प्रो. रामबक्ष, उज्ज्वला ज्योति तिग्गा, डॉ. आनंद प्रधान, प्रियदर्शन, डॉ. केदार कु. मंडल और पल्लवी ने आर. अनुराधा की जीवटता व उनसे जुड़ी यादों को दिल्ली में दूर दूर से आए कविता प्रेमियों तथा जेएनयू विद्यार्थियों से भरे सभागार में साझा किया।
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कार्यक्रम का संचालन एनडीटीवी के रवीश कुमार ने किया और प्रारंभ आर अनुराधा पर बनी एक बेहतरीन डाक्यूमेंट्री से हुआ। सभागार के बड़े परदे पर अनुराधा का बोलता, मुस्कराता जीवंत, व्यक्तित्व दर्शकों को कई दफा भावुक कर गया। डाक्युमेंट्री दिखाती है कि कैसे उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी से बिना डरे, सहमे न सिर्फ डटकर सामना किया बल्कि औरों को भी इस बीमारी के रहते किस तरह जिया जाए सिखाया।
इस मौके पर भारतीय भाषा केंद्र के प्रो. राम बक्श ने कहा कि उन्होंने अनुराधा को अपने से बड़ा ही समझा। उनके संघर्षमय जीवन का ज़िक्र करते हुए उन्होंने ने कहा कि जीवंत कविताए गहन अनुभूतियों से ही संभव हैं। जर्मन साहित्य की अध्येता पल्लवी ने कहा अनुराधा की कविताएं हमारे बंद समाज के लिए कविताथैरेपी हैं।
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डॉ. आनंद प्रधान के अनुसार अनुराधा की कविताएं कल की दृष्टि से भी खास हैं। इसलिए उन्हें हिंदी समाज में गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लेखक, पत्रकार प्रियदर्शन ने कहा कि उनकी कविताएं कैंसर को चुनौती देने वाली कविताएं हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के केदार मंडल ने कहा कि हमारे समाज में उपेक्षितों के प्रति प्रति संवेदनहीनता और उपेक्षा शर्मनाक है। कार्यकम के मध्य में अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी द्वारा भेजी गई वीडियो क्लिप भी दिखाई गई, जिसमें उन्होंने अनुराधाजी की कविताओं का पाठ कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
संचालक रविश कुमार का कथ्य 'अनुराधा की कविताएं हमारे भीतर शक्ति का संचार करती हैं', इससे सभी सहमत होंगे।