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स्व. रमन ने समाचारों को गरिमापूर्ण प्रस्तुति से जोड़ा

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नई दिल्ली। दूरदर्शन के प्रसिद्ध समाचार वाचक जेवी रमन का हाल ही में निधन हो गया। दुर्भाग्य से मीडिया में इसकी ज्यादा चर्चा नहीं हुई। रमन के निधन के बाद मीडिया दुनिया की संपादक वर्तिका नंदा ने रमन के सहकर्मी समाचार वाचकों और मीडिया से जुड़ी अन्य हस्तियों से बात की, जिन्होंने रमन से जुड़ी यादों को साझा किया वहीं दूरदर्शन द्वारा की गई उनकी उपेक्षा पर भी आक्रोश जाहिर किया।

दिल्ली में जैसे ही लोगों को रमन के निधन का समाचार मिला वैसे ही मीडिया जगत में शोक की लहर छा गई। रमन 1973 में दूरदर्शन से जुड़े थे और उन्होंने दूरदर्शन में समाचार वाचन का कार्य 30 सालों तक सफलतापूर्वक किया।

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रमन को श्रद्धांजलि देते हुए वर्तिका नंदा ने कहा कि फेसबुक से पता चला कि जेवी नहीं रहे। एक ऐसा चेहरा और आवाज, जिसने दूरदर्शन की समाचार वाचन परंपरा को आसमान की बुलंदी तक पहुंचाया, उसके जाने की खबर दुखद है। यह हैरानी ही है कि जिस दूरदर्शन ने रमन, शम्मी नारंग, सलमा सुलतान, मीता चौधरी के जरिए समाचारों को गरिमापूर्ण प्रस्तुति से जोड़ा, आज वह कल्पना से परे ही लगती है। आज भी यह नाम और चेहरे दिलोदिमाग पर बदस्तूर कायम हैं।

नीलिमा हरजाल कहती हैं कि उस समय की साक्षी मैं दूरदर्शन न्यूज की चीफ प्रोड्‍यूसर न्यूज थी। सभी समाचार वाचकों का भरपूर प्यार और सम्मान मिला पर रमन जी की सरल मुस्कान, स्मित चेहरा, शांति व्यक्तित्व से झलकतीं आदरसूचक आंखें नहीं।

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रमन के सहकर्मी रहे शम्मी नारंग ने कहा कि मैंने जेवी रमन को बेहद करीब से देखा है, इसीलिए दावे से कह सकता हूं कि टेलीविजन की दुनिया में उनसे बढ़कर कोई और बहुप्रतिभाशाली व्यक्तित्व हो नहीं सकता। साधारण सा दिखने वाला यह इनसान ज्ञान की खान था। एक छोटे भाई की तरह तरबीयत की है उन्होंने मेरी। नारंग ने कहा कि दूरदर्शन देखने वाले दर्शकों के लिए रमन का चेहरा जाना पहचाना था। वे बहुत ही सरल और मीठे अंदाज में समाचारों का वाचन बिना किसी त्रुटि के करते थे।

जयपुर से ख्यात कार्टुनिस्ट अभिषेक तिवारी ने कहा कि जेवी रमन की बहुत ही मीठी और सुस्पष्ट एवं गूंजती हुई आवाज हमारे कानों में आज भी बसी हुई है।

मीता चौधरी ने
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श्रद्धां‍जलि अर्पित करते हुए कहा कि रमनजी से जुड़ी यादों को साझा किया। उन्होंने कहा कि जब मैंने दूरदर्शन जॉइन किया तो मेरी सबसे पहली मुलाकात जेवी से हुई। वे बहुत ही सौम्य व्यक्ति थे। मुझे यह जानकार सुखद आश्चर्य हुआ कि वे हिन्दी और अंग्रेजी बहुत अच्छी बोलते थे साथ ही उनके उच्चारण भी उतने ही अच्छे थे। वे जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। मीता कहती हैं कि मैकअप रूम में उनसे समाचार प्रस्तुतिकरण और हिन्दी उच्चारण के बारे में बात होती थीं। समाचार वाचन के क्षेत्र में वे अपनी अमिट छाप छोड़ गए हैं।


दूरदर्शन द्वारा जेवी रमन को भुलाने के लिए भरत तिवारी ने काफी नाराजी जाहिर की। उन्होंने दूरदर्शन से आग्रह किया वह दूरदर्शन को बनाने वालों को अनदेखा न करें। तिवारी ने भी रमन के निधन पर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।


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