हाल ही में यहां मीडिया से पहली बातचीत में नवनियुक्त सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि न्यूज मीडिया में शत प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देना नई सरकार की वरीयता सूची में नहीं है। उनका कहना था कि सरकार इस मामले पर विभिन्न साझेदारों से बातचीत करेगी।
मंत्री का कहना था कि अगर हमें न्यूज मीडिया में शत प्रतिशत की भागीदारी के संबंध में कोई अंतिम फैसला लेना पड़ा तो हम इससे जुड़े सभी साझेदारों की राय जानना चाहेंगे। हमें इस विषय को लेकर कोई जल्दी नहीं है।
इसके अलावा पेड न्यूज ऐसा पहेलीनुमा मुद्दा है, नए मंत्री जिसको सुलझाने के लिए व्यस्त हैं। वे उस समिति के सदस्य हैं जिसकी अंतिम बैठक बुधवार को होगी। जावड़ेकर का कहना है कि पेड न्यूज का मुद्दा दो तरह का है। इनमें से पहला मुद्दा चुनावों से जुड़ा है तो दूसरा मुद्दा निजी तौर पर स्वामित्व वाले कारोबारी अखबारों से सीधा जुड़ा हुआ है।
उनका कहना है कि सवाल यह है कि अगर कॉरपोरेट घरानों की बिजनेस अखबारों में हिस्सेदारी है तो ऐसी स्थिति में वे उन अखबारों में अपने उपक्रमों से जुड़े समाचार प्रकाशित करेंगे तब क्या उन्हें खुद को निजी अनुबंध घोषित करना चाहिए। पर उन कॉरपोरेट्स के लिए अच्छी खबर है जो कि अपने एफएम रेडियो चला रहे हैं। उनका कहना था कि वे मानते हैं कि ऐसे एफएम स्टेशनों से समाचार प्रसारित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसलिए संभव है कि जल्द ही आप एफएम रेडियो पर गानों के साथ-साथ समाचार भी सुनने लगें।