नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने मेघालय विधानसभा के लिए फरवरी के अंत में होने वाले चुनावों के मद्देनजर गुरुवार को राज्य की सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों को अंतिम रूप दिया गया।
भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और मेघालय इकाई के अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। सिन्हा ने कहा कि मेघालय में भाजपा पहली बार अपने बूते सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में इन नामों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी की सीईसी के सभी सदस्य मौजूद थे।
मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 7 फरवरी है। मतगणना 2 मार्च को की जाएगी। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज दो ही सीट पर जीत मिली थी। सात सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे और 12 सीटों पर उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर थे।
सिन्हा ने कहा कि मेघालय की जनता भ्रष्टाचार और भाजपा शासित पड़ोस के राज्यों के मुकाबले इस राज्य के विकास की धीमी गति से परेशान है। उन्होंने कहा, सड़कों की हालत खराब है, घंटों बिजली गुल रहती है, उपचार के लिए लोगों को गुवाहाटी जाना पड़ता है। आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय योजनाएं मेघालय पहुंच तो रही हैं, लेकिन इनके क्रियान्वयन की रफ्तार धीमी है। उन्होंने कहा, इस बार भाजपा ने सशक्त मेघालय का नारा दिया है क्योंकि राज्य की जनता को प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है।
वर्तमान में मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अगुवाई में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), भाजपा तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) की गठबंधन सरकार है और कोनराड संगमा इसका नेतृत्व कर रहे हैं।
हालांकि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है। मेघालय के पिछले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस 21 सीट पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई।
कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली एनपीपी 19 सीट पर जीत के साथ दूसरे नंबर पर थी। प्रदेश की यूडीपी के छह सदस्य चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इसी प्रकार राज्य की पीडीएफ को चार सीट पर जीत मिली थी और भाजपा तथा एचएसपीडीपी को दो-दो सीट पर सफलता मिली थी।
चुनावी नतीजों के बाद संगमा ने भाजपा, यूडीपी, पीडीएफ, एचपीपीडीपी और एक निर्दलीय के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बने।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)