- गर्विता कौशल
कल रात हाथों में
नन्हें से ख्वाब ने जन्म लिया
ख्वाब...
जिसका जन्म आज तक नहीं हुआ
किसी माँ ने
किसी दादी ने
किसी पिता ने
किसी समाज ने
उसे जन्म लेने ही नहीं दिया
क्योंकि वो एक बेटी हैं
कल रात उसकी आंखों के मोती ने
मेरी आत्मा को गीला कर दिया
उसकी मासूम सी आंखों में समाए
हज़ारों सवाल और नाजुक से हाथों
ने अपनी मां के नाम संदेश दिया
मुझे आने दो माँ
देने दो शुभकामनाएँ
मातृ दिवस की !