Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

माँ के लिए बस एक दिन?

मदर्स-डे - ममता दिवस

हमें फॉलो करें माँ के लिए बस एक दिन?
प्रियंका शा
NDND
बड़ी अनुपम (सुखमय) अनुभूति होती है जब हम अपनी माँ को महत्व देते हैं, लेकिन क्या माँ को याद करने के लिए सिर्फ 'एक ही दिन' पर्याप्त हैं? माँ की ममता तो असीमित है, तो उनके लिए हमारा आदर क्यों सिर्फ एक ही दिन के लिए सीमित रहे। हम चाहे तो हर दिन को अपनी माँ ले लिए महत्वपूर्ण बना सकते हैं, वह तो हमारे जीवन की हर राह पर साथ है।

माँ की ममता को याद कर, उनके दिए साथ को कभी ना भूलाकर हम उन्हें खास दिन पर खास बना सकते हैं। उन्हें यह अहसास दिलाकर कि - ' माँ, जिस तरह आपने मेरे जीवन की हर राह पर मेरा साथ दिया मैं भी उसी तरह हर कदम पर आपके साथ खड़ी हूँ। जब मेरे कदम लड़खड़ाएँ थे, तब माँ सिर्फ आपने ही मुझे सहारा दिया, जब मेरी आँखों से आँसू गिरे, आपके आँचल ने ही उन आँसुओं को पोंछा। लेकिन अब सिर्फ मेरी बारी है तुम्हें सहारा देने की, तो मैं क्यों पीछे हटूँ। जब आपके कदम लड़खड़ाएँगे, मैं भी हर कदम पर आपके साथ हूँ।'

हमारे समाज में हर बात को महत्व देने के लिए 365 दिनों में से सिर्फ 'एक दिन' तय कर दिया गया हैं, पर माँ को महत्व देने के लिए सिर्फ एक दिन काफी नहीं हैं। जिस तरह माँ की ममता और प्रेम 'असीमित और नि:स्वार्थ' है, उसी तरह माँ के लिए हर दिन एक महत्व लिए होना चाहिए, और सिर्फ दिन ही क्यों बल्कि हर क्षण वह हमारे लिए महत्वपूर्ण होनी चाहिए।

webdunia
NDND
अगर हम भी बिना किसी स्वार्थ के उन्हें आदर देकर, माँ की ममता को भूले बिना और उनका हर सुख-दु:ख में साथ दें, तो अपना जीवन सार्थक बना सकते है।

क्यों न हम सिर्फ 'एक ही दिन' को माँ के लिए महत्वपूर्ण न बनाकर 'हर क्षण' को सदियों तक माँ के लिए महत्वपूर्ण बनाएँ। उसे हर क्षण यह अहसास दिलाएँ की वह हमारे जीवन में एक 'सम्माननीय पद' पर आसीन हैं, ताकि हर दिन एक ममता दिवस के रूप में यादगार बन जाएँ।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi