Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मां पर कविता : खीर-सी मीठी अम्मा हर पल

Advertiesment
हमें फॉलो करें Mothers Day poem 2017
webdunia

सेहबा जाफ़री

सहबा जाफरी 
 धूप घनी तो अम्मा बादल 
छांव ढली तो अम्मा पीपल 
गीली आंखें, अम्मा आंचल 
मैं बेकल तो अम्मा बेकल। 
 
रात की आंखें अम्मा काजल 
बीतते दिन का अम्मा पल-पल 
जीवन जख्मी, अम्मा संदल 
मैं बेकल तो अम्मा बेकल। 
 
बात कड़ी है, अम्मा कोयल 
कठिन घड़ी है अम्मा हलचल 
चोट है छोटी, अम्मा पागल 
मैं बेकल तो अम्मा बेकल। 
 
धूल का बिस्तर, अम्मा मखमल 
धूप की रोटी, अम्मा छागल 
ठिठुरी रातें, अम्मा कंबल 
मैं बेकल तो अम्मा बेकल। 
 
चांद कटोरी, अम्मा चावल 
खीर-सी मीठी अम्मा हर पल 
जीवन निष्ठुर अम्मा संबल 
मैं बेकल तो अम्मा बेकल। 

ALSO READ: मां पर हिन्दी कविता : सूनी है मां की गोद कबसे

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कविता : भारत की पहचान