Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Motivation : भाग्य बड़ा या कर्म बड़ा है, 5 रहस्य

हमें फॉलो करें Motivation : भाग्य बड़ा या कर्म बड़ा है, 5 रहस्य

अनिरुद्ध जोशी

दुनिया में अधिकतर लोग भाग्यवादी हैं। उनका विश्‍वास है कि भाग्य में होगा तो सबकुछ मिलेगा और नहीं होगा तो कुछ भी नहीं मिलेगा। जितना भाग्य में लिखा होगा उतना ही मिलेगा। दूसरी ओर यही भाग्यवादी लोग कहते हैं कि भविष्य भी भगवान के हाथों में ही होता है। ऐसी सोच के निर्मित होने के कई कारण है। हम उनक कारणों की चर्चा नहीं करेंगे।
 
 
भाग्यवादियों की सोच : 
1. कई बार ऐसा होता है कि भाग्यवादी सोच हमें अकर्मण्य बना देती है। हम सोचते हैं कि भाग्य में होगा तो खुद-ब-खुद ही यह मिल जाएगा मेहनत करने से क्या होगा।
 
2. जब हम असफल हो जाते हैं तो भाग्य को कोसने लगते हैं, जबकि यह जानने का प्रयास नहीं करते हैं कि असफलता का कारण क्या था। 
 
3. भाग्य भरोसे रहने से जिंदगी का अनमोल समय गुजरता जाता है और आदमी फिर अंत में सोचता है कि मेरे भाग्य में यही लिखा था। 
 
4. भाग्यवाद एक समय बाद निराशा की खाई में धकेल देता है। 
 
5. भाग्य उसी का जागृत होता है जो कर्म का छोटा सा चक्का घुमा देता है। भाग्य और कुछ नहीं बल्कि कर्मों का ही फल है। 
 
 
कर्मवादियों की सोच : 
1. जब तक हम कुछ करेंगे नहीं तब तक हम कुछ बनेंगे नहीं। इसीलिए करने के बाद में सोचो कुछ होने या बनने के बारे में नहीं। 
 
2. व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है और कर्म ही उसे सफल बनाते हैं। 
 
3. कर्मों में कुशलता से ही कोई व्यक्ति लोगों के बीच लोकप्रिय होते हैं और यह कुशलता ही उसके जीवन से संघर्ष को हटा देती हैं। 
 
4. कार्यालय में कार्य ही आपको बचाता है। आपकी चापलूसी या और कुछ नहीं। कार्य करने वाले कभी भी भूखे नहीं मरते हैं चाहे कितने ही संघर्ष क्यों ना उनके सामने खड़े हो।
 
5. गीता में कर्म को ही महत्व दिया गया है ना कि भाग्य को। कर्म कर और फल की चिंता मत कर क्योंकि फल तो तुझे मिलेगा ही। 
 
निष्कर्ष : कर्म जरूरी है लेकिन सही दिशा में किया गया कर्म भाग्य बनता है। अर्थात भाग्य या दुर्भाग्य हमारे कर्मों का ही फल है। कर्म और भाग्य मिलकर दोनों ही हमारे भविष्‍य का निर्धारण करते हैं। जब समुद्र मंथन जैसा महान कर्म किया गया तो उसमें से चौदह रत्न निकले और उन सभी रत्नों का वितरण कर्मों के अनुसार ही हुआ। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Motivation Speech: विनाश का कारण निराशा