कब जाएँ :दिसंबर से मई-जून तक, यहाँ से भले ही आप गर्मियों में जा रहे हैं लेकिन गर्म कपड़े, टोप, मोजे, दस्ताने, मफलर्स, पुलोवर्स, विंड प्रूफ जैकेट, सनग्लासेस, गम बूट या स्नो बूट तथा टार्च ले जाना न भूलें।कहाँ से जाएँ : पहले आपको जोशीमठ जाना होगा फिर जोशीमठ से बसें उपलब्ध हैं। यदि दिल्ली, वाराणसी तथा आगरा से जा रहे हैं तो हरिद्वार सबसे करीब स्टेशन है। जोशीमठ हरिद्वार से 276 किलोमीटर, ऋषिकेश से 253 किलोमीटर, देहरादून से 295 किलोमीटर और दिल्ली से 500 किलोमीटर की दूरी पर है। जोशीमठ से कार या टैक्सी भी ली जा सकती है। ज्यादा रोमांच चाहते हैं तो 1 हजार से 3 हजार मीटर की ऊँचाई नापते हुए केबल कार का सहारा ले लें। अन्य दर्शनीय स्थल-दयारा बुग्यालस्थानीय भाषा में इन्हें बुग्याल कहा जाता है यानी ऊँचे स्थान पर स्थित चरागाह। यह बुग्याल 3048 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यहाँ भी स्कीइंग की सुविधा है। यहाँ से हिमालय का दृश्य इतना अद्भुत िदखाई देता है कि आप साँस रोककर नजारा करते रह जाते हैं। यहाँ भाटवारी और स्थानीय घरों में रुकने की व्यवस्था हो जाती है।
मुंडाली
यह देहरादून से 129 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हिमालय की बर्फ से ढँकी चोटियों का बेहद रोमांचक नजारा यहाँ से देखा जा सकता है। स्कीइंग के लिए यहाँ भी अच्छा स्लोप है।
मुनस्यारी
नेपाल की सीमा पर स्थित इस पहाड़ी जिले के पूर्व में नेपाल है और उत्तर में तिब्बत। यह 2135 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह मिलम, नामिक तथा रालिम ग्लेशियर के लिए आधार कैंप है।
गढ़वाल और कुमायूँ में औली तो मुख्य स्कीइंग स्थल है ही लेकिन यहाँ आने पर आप पाएँगे कि यहाँ और भी बहुत से विंटर स्पोर्ट स्थल हैं। जैसे गढ़वाल में कुश कल्याण तथा उत्तरकाशी जिले में केदार कांठा, टिहरी गढ़वाल जिले में पनवाली और मत्या, चमोली में बेड़नी बुग्याल, कुमायूँ के पिथौरागढ़ जिले में चिपलाकोट घाटी। यदि आपको स्कीइंग का थोड़ा- सा भी ज्ञान है तो आप यहाँ भरपूर आनंद उठा सकते हैं। तो फिर देर किस बात की है आइए चलें और उठाएँ भारत में ही स्विट्जरलैंड का-सा आनंद!