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पहाड़ों की यात्रा का बना रहे हैं प्लान तो जानिए 10 खास जगहें

हमें फॉलो करें पहाड़ों की यात्रा का बना रहे हैं प्लान तो जानिए 10 खास जगहें

अनिरुद्ध जोशी

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और पश्चिमी घाट से लेकर अरुणाचल तक भारत में एक से बढ़कर एक शानदार और ऊंचे ऊंचे पहाड़ हैं। भारत में ही दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा पहाड़ कंचनजंगा और के2 है। धौलागिरी, नंदा देवी जैसे कई पहाड़ है। हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में सैकड़ों पहाड़ और सुरम्य घाटियां और भयानक जंगल हैं।  पहाड़ों की कई श्रृंखलाएं हैं और सुंदर एवं मनोरम घाटियां हैं। जिनका धार्मिक और पर्यटनीय महत्व है। भारत में ही विश्व के सबसे प्राचीन और सबसे नए पर्वत विद्यमान हैं। इन पहाड़ों की प्राचीनता और भव्यता देखते ही बनती है। पहाड़ों की यात्रा करना सचमुछ रोमांचकारी होता है।
 
 
1. आप ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने या उन पर यात्रा करने का शौक रखते हैं तो आप भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करें। उधर की यात्रा में आपको खूब ऊंचे-ऊंचे पहाड़ देखने को मिलेंगे। यदि आप पूर्वोत्तर में ही रह रहे हैं तो फिर आपसे क्या कहें, आप केरल का समुद्र या मध्यप्रदेश के जंगल देखिए। 
 
2. हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अधिकतर पवित्र धार्मिक स्थल पहाड़ों पर ही बसे हैं। मनसादेवी, नैनादेवी, नंदादेवी, गिरनार, माउंट आबू, वैष्णोदेवी, पावागढ़, मैयर, तिरुपति बालाजी, चित्रकूट आदि सभी जगह की तो आपने सैर की ही होगी।
 
3. हिमालयवर्ती राज्य में सियाचिन, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख, उत्तराखंड, उत्तरांचल, सिक्किम, तिब्बत, अरुणाचल, नेपाल, भूटान आदि हैं। उत्तराखंड से लगे हिमालय के क्षेत्र में कई पड़ा हैं।
 
4. अरावली की पर्वत श्रृंखलाएं में कई पहाड़ है जैसे सेर, अचलगढ़, देलवाड़ा, आबू, ऋषिकेश आदि।
 
5. विंध्याचल पर्वतमाला भी बहुत लंबी पर्वतमाला है। इस पर्वतमाला का विस्तार उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, बिहार- लगभग 1,086 किमी तक विस्तृत फैला है। हालांकि इसकी कई छोटी-बड़ी पहाड़ियों को विकास के नाम पर काट दिया गया है। इन श्रेणियों में बहुमूल्य हीरेयुक्त एकभ्रंशीय पर्वत भी है।
 
6. मलयगिरि पर्वत श्रेणियां दक्षिण भारत में स्थित हैं। यह मलयगिरि पर्वत चोल देश से लेकर सुदूर दक्षिण तक फैला हुआ है। मलय पर्वत पश्चिमी घाट का दक्षिणी छोर, जो कावेरी के दक्षिण में पड़ता है, पर स्थित है। आजकल इसको 'तिरुवांकुर की पहाड़ी' कहते हैं।
 
7. महेन्द्रगिरि व महिन्द्राचल भारतवर्ष में दो माने जाते हैं। एक पूर्वी घाट पर तथा एक पश्चिमी घाट पर। महेन्द्रगिरि उड़ीसा से लेकर मदुरै जिले तक फैली पर्वत श्रृंखलाएं हैं। इसमें पूर्वी घाट की पहाड़ियां तथा गोंडवाना तक फैली पर्वत श्रृंखलाएं भी सम्मिलित हैं।
 
8. शुक्तिमान पर्वत प्राचीन भारत के सप्तकुल पर्वतों में से एक है। इस पर्वत का नाम शक्ति पर्वत है, जो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ नामक नगर से लेकर बिहार के डालमा पर्वत तक फैला हुआ है। यह विंध्याचल पर्वत के दक्षिण से लेकर बीच से काटता हुआ सुदूर पूर्व तक चला गया है।
 
9. सह्याद्रि पर्वत पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला का उत्तरी भाग है। यह पर्वत भी प्राचीन भारत के सप्तकुल पर्वतों में से एक है। हिमालय, अरावली, विंध्याचल के बाद इसका नंबर आता है। 
 
10. ऋक्ष पर्वत विंध्य मेखला का पूर्वी भाग, जो बंगाल की खाड़ी से लेकर शोण नदी (सोन नदी) के उद्गम तक फैला हुआ है। इस पर्वत श्रृंखला में शोण नद के दक्षिण छोटा नागपुर तथा गोंडवाना की भी पहाड़ियां सम्मिलित हैं। यह पर्वत भी प्राचीन भारत के सप्तकुल पर्वतों में से एक है।
 
 
प्रमुख 11 रोमांचक हिल स्टेशन : 1.लेह (लद्दाख), 2.श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर), 3.शिमला और मनाली (हिमाचल), 4.नैनीताल (उत्तराखंड), 5.शिलॉन्ग (मेघालय), 6.दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल), 7- मुन्नार (केरल), 8 ऊंटी (तमिलनाडु), 9.कुनूर (तमिलनाडु), 10.माऊंट आबू (राजस्थान), 11.पचमढ़ी (मध्यप्रदेश)।
 

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