इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों में 29 वर्षीय एक किन्नर ने भी मंगलवार को यहां के क्षेत्र क्रमांक-दो से पर्चा दाखिल किया। यह सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है, जहां पिछले विधानसभा चुनावों में सत्तारुढ़ दल के उम्मीदवार ने मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी।
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरने के बाद किन्नर बाला वेशवार (29) ने कहा, शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-दो में ठेले-रेहड़ी वालों, मजदूरों और घरेलू कर्मचारियों की आर्थिक व सामाजिक हालत बेहद खराब है। मैं चुनावों में इस वर्ग के मुद्दे उठाऊंगी।
बाला दीदी के नाम से मशहूर किन्नर अपने जीवन में पहली बार चुनावों में किस्मत आजमाने जा रही हैं। यह पूछे जाने पर कि 28 नवम्बर को होने वाली चुनावी जंग में मुख्यधारा की सियासी पार्टियों के मंजे हुए उम्मीदवारों से वह किस तरह मुकाबला करेंगी, निर्दलीय प्रत्याशी ने जवाब दिया, मुझे अपनी चुनावी जीत का पूरा भरोसा है, क्योंकि क्षेत्र क्रमांक-दो में श्रमिक वर्ग के मतदाता बड़ी संख्या में हैं।
उन्होंने कहा, मैं चाहती हूं कि हर गरीब आदमी को दो वक्त की रोटी और इज्जत की जिंदगी नसीब हो। दूसरे दल के नेता मन की बात करते हैं, लेकिन मैं पेट की बात करूंगी। वर्ष 2013 के पिछले विधानसभा चुनावों में शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-दो से भाजपा उम्मीदवार रमेश मैंदोला ने अपनी नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी को 91,017 मतों के विशाल अंतर से हराकर जीत हासिल की थी।
तब यह प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों में चुनावी हार-जीत का सबसे बड़ा अंतर था। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इंदौर जिले की अपनी परंपरागत राऊ विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया। पिछले विधानसभा चुनावों में पटवारी ने इसी सीट से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार अपनी नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी को 18,559 मतों के अंतर से मात दी थी।
जिले में विधानसभा की कुल नौ सीटें हैं। पिछली बार पटवारी जिले के ऐसे इकलौते कांग्रेस उम्मीदवार थे जिन्होंने भाजपा की लहर के बावजूद चुनावी जीत हासिल की थी। जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को किन्नर बाला और पटवारी समेत कुल 13 उम्मीदवारों ने अलग-अलग सीटों से पर्चे दाखिल किए। (भाषा)