Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चुनावी चक्रव्यूह में फंसे बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक, अपना ही गढ़ बचाना बड़ी चुनौती

हमें फॉलो करें चुनावी चक्रव्यूह में फंसे बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक, अपना ही गढ़ बचाना बड़ी चुनौती

विकास सिंह

भोपाल , शुक्रवार, 23 नवंबर 2018 (14:57 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में दिलचस्प हो चुके चुनावी मुकाबले में इस समय दोनों ही पार्टी के उम्मीदवार अपने अपने इलाके में स्टार प्रचारकों की सभाएं कराना चाह रहे हैं। पार्टी प्रत्याशियों की पहली डिमांड तो राष्ट्रीय स्टार प्रचारकों की है तो दूसरी मांग सूबे में अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेताओं की है। लेकिन, सूबे के ये दिग्गज नेता जो पार्टी के स्टार प्रचारक होने के साथ-साथ खुद चुनावी मैदान में है। इस वक्त अपनी ही सीट पर घिर गए हैं बात चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की, दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेताओं को इस बार चुनावी चक्रव्यूह में फंसते  नजर आ रहे हैं।
 
नरोत्तम मिश्रा : शिवराज कैबिनेट में सबसे शक्तिशाली मंत्री माने जाने वाले और सूबे में पार्टी के बड़े ब्राह्मण चेहरे नरोत्तम मिश्रा पार्टी के स्टार प्रचारक हैं, लेकिन पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मिश्रा अपनी ही सीट पर प्रचार करते नजर आए। पिछले दो चुनाव से इस सीट पर हार का सामना कर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र भारती नरोत्तम मिश्रा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वहीं ठीक चुनाव के समय में दतिया सीट से लड़ रहे बीएसपी प्रत्याशी ने कांग्रेस में शामिल होकर नरोत्तम पर दबाव बना दिया है। नरोत्तम पूरे चुनाव के दौरान ज्यादातर  समय अपनी ही सीट पर चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं। 
 
यशोधरा राजे : विधानसभा चुनाव में बीजेपी की स्टार प्रचारक यशोधरा राजे शिवपुरी से खुद चुनाव लड़ रही हैं। सिंधिया परिवार से ताल्लुक रखने वालीं यशोधरा की ग्वालियर चंबल इलाके में अच्छी पकड़ है, लेकिन इस बार जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के कारण यशोधरा अपनी ही सीट पर सीमित हैं। 
 
बाबूलाल गौर : भाजपा के स्टार प्रचारक पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर भले ही खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हों लेकिन अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ रही बहू कृष्णा गौर को चुनाव जिताने के लिए बाबूलाल गौर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 
 
सुरेश पचौरी : कांग्रेस के स्टार प्रचारक सुरेश पचौरी भोपाल से सटे भोजपुर सीट से खुद चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा से हारने वाले सुरेश पचौरी के लिए चुनाव परिणाम उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। पचौरी अपनी ही सीट पर प्रचार में जुटे है, वहीं पचौरी के समर्थन में पार्टी के बड़े नेता भी लगातार सभा कर रहे हैं। 
 
अरुण यादव : प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव एक ओर जहां पार्टी के स्टार प्रचारक हैं तो दूसरी ओर सूबे की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सामने चुनावी मैदान में ताल ठोंक  रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान को उनके ही घर में घेरने के लिए यादव लगातार बुधनी में ही डटे हुए हैं। निमाड़ में अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले अरुण यादव सूबे में यादव वोट बैंक के बीच में गहरी पैठ रखते हैं। ऐसे में यादव के बुधनी तक सीमित रह जाने से निमाड़ में पार्टी के चुनावी कैंपेन पर असर भी पड़ रहा है।
 
अजय सिंह : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह विंध्य में पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में शुमार हैं। खुद चुरहट से चुनाव लड़ रहे सिंह अपने ही गढ़ में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जुटे हैं। क्षत्रिय वोट बैंक में खासा दखल रखने वाले अजयसिंह सूबे के अन्य इलाकों में प्रचार करने न जाकर केवल अपना पूरा फोकस विंध्य की सभी सीटों पर कर रहे हैं।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मोदी बोले, कांग्रेस लटकाने, अटकाने और भटकाने की संस्कृति वाली पार्टी