#माय हैशटैग
जबसे डोनाल्ड ट्रंप ने 'अमेरिका फर्स्ट' की बात पर जोर दिया है, कई देशों ने फर्स्ट के अपने-अपने दावे सोशल मीडिया पर कर दिए हैं। इंडिया ने नहीं किया। इंडिया तो फर्स्ट से ऊपर है। 'अमेरिका फर्स्ट' के दावे के तत्काल बाद नीदरलैंड्स के कलाकारों ने यू-ट्यूब पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें दावा किया गया था कि 'अमेरिका फर्स्ट' है, तो नीदरलैंड्स सेकंड।
उसके बाद यूरोप के कई देशों ने दावा किया कि तरक्की के मामले में अमेरिका के बाद अगर किसी का नंबर है, तो वह उसका ही है। इन देशों में स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, जर्मनी, पुर्तगाल, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, कजाकिस्तान, मोरक्को और बेल्जियम आदि हैं। इन सभी वीडियो का फॉर्मेट एक जैसा है और आवाज डोनाल्ड ट्रंप की आवाज से मिलती-जुलती है।
सेकंड नंबर का दावा करने वाले देशों ने अपनी-अपनी ढपली बजाई है, जैसे डेनमार्क का कहना है कि उसके यहां सबसे शानदार पेस्ट्री मिलती है। नीदरलैंड्स के लोगों ने अपनी खूबियां बताई हैं। बेल्जियम के लोगों ने अपने देश के गुणों में वहां के हीरे और कार्पेट के किस्से सुनाए हैं, तो जर्मनी के लोगों ने अपनी तकनीकी क्षमता का लोहा दुनिया को मानने की बात कही है।
स्विट्जरलैंड ने कहा कि वह तो दुनिया का एकमात्र स्वर्ग है इसलिए इसका सेकंड नंबर का दावा पुख्ता है ही। किसी देश ने खेल में, तो किसी ने प्राकृतिक सौंदर्य के बहाने अपना दावा पेश किया है। दावा करने वालों में ईरान, क्रोएशिया, जापान आदि भी सामने आए हैं।
भारत का वीडियो उन सबके दावे को खारिज करते हुए कहता है कि यह सब बकवास वीडियो है। इस पैरोडी वीडियो में कहा गया है कि अगर 'अमेरिका फर्स्ट' है, तो बेशक इंडिया ही सेकंड नंबर पर होगा, क्योंकि हमारे पास ताजमहल है, सिलिकॉन वैली में हमारे ही इंजीनियर काम कर रहे हैं।
भारतीयों ने कहा है कि अमेजिंग एट बीइंग सेकंड। वीडियो में दावा किया गया है कि आबादी के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, फिर भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश भी है। भारत का दिल्ली ऐसा शहर है, जहां आपको धुआं उड़ाने के लिए सिगरेट पीने की जरूरत ही नहीं है। न्यूयॉर्क का हर दूसरा टैक्सी ड्राइवर भारतीय है।
माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के सीईओ भारतीय मूल के हैं। बैडमिंटन में भारत ओलंपिक्स में दूसरे नंबर पर रहा। हो सकता है 7/11 का जिम्मेदार शख्स भी भारतीय हो। भारत ने दुनिया को योग दिया, शून्य दिया, शतरंज दी, गणित के सूत्र दिए, सर्जरी करने की प्रेरणा दी, कामसूत्र दिया... दुनिया को भारत ने क्या-क्या दिया, यह हिसाब रखना कोई मामूली बात नहीं।
वेलेंटाइन डे पर अपलोड हुए इस वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं और बड़ी संख्या में लोगों ने उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। मुंबई की सुपरफ्लाई कंपनी की क्रिएटिव टीम ने यह वीडियो बनाया है।
इस कंपनी के प्रमुख रूपक सलूजा ने कहा कि हमें यह वीडियो बनाने की प्रेरणा नीदरलैंड्स के कलाकारों का वीडियो देखकर मिली है। 10 लोगों ने 3 दिन की कड़ी मेहनत के बाद इसे बनाया है और हमने इस बात का पूरा-पूरा ख्याल रखा है कि उसका मनोरंजक पहलू सबके सामने आए।
वीडियो बनाने में हमें थोड़ी देर इसलिए लगी, क्योंकि हमें सही वॉयस ओवर आर्टिस्ट की जरूरत थी, जो डोनाल्ड ट्रंप की तरह आवाज निकाल सके। हमने यह भी कोशिश की है कि मनोरंजक वीडियो क्लिप बनाने के चक्कर में कहीं है यह आक्रामक न हो जाए, हम ऐसा वीडियो बनाना चाहते थे जिसे लोग आसानी से सोशल मीडिया पर शेयर कर सकें।
इस वीडियो को महानगरीय सोशल मीडिया यूजर तो आसानी से शेयर कर रहे हैं, लेकिन छोटे शहरों के लोगों को यह वीडियो उतना ज्यादा पसंद नहीं आया, क्योंकि इसमें बार-बार कामसूत्र का जिक्र है। वीडियो की कुछ तस्वीरों पर भी लोगों ने आपत्ति की है। इस पर कंपनी का दावा है कि हमने केवल उस तरह की तस्वीरें और वीडियो क्लिपिंग शेयर की हैं, जो मीडिया में आम हों।
भारत में और भारत के बाहर रहने वाले एनआरआई इस वीडियो को मजे ले-लेकर देख रहे हैं और शेयर कर रहे हैं। दिन-ब-दिन इसकी व्यूअरशिप बढ़ती जा रही है। लोकप्रियता के क्रम में देखें तो भारतीयों का यह वीडियो शीर्ष पर है।