सोशल मीडिया पर मादा हाथी की बेरहमी के साथ की गई हत्या को लेकर आक्रोश है। पशुप्रेमियों की तरफ से हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पिटीशन फाइल की गई है। केंद्र सरकार ने भी घटना में सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। लेकिन जो घटनाएं ‘ट्रस्ट एंड बिट्रेड’ की होती हैं वहां शायद इट ऑल डजन्ट वर्क!
ह्यूमन एंड एनिमल… स्टोरी ऑफ ट्रस्ट एंड बिट्रेड !
बारिश के जाते हुए ऐसे ही भीगे दिनों में हम गणेशजी की रंग बिरंगी प्रतिमाएं अपनी बाहों में भरकर घर लाते हैं। घर-घर से गणेशजी की आरती और घंटी की आवाजें आती हैं। हर गली और चौराहे पर पांडालों में गणेशजी ध्यान लगाए बैठे रहते हैं और लोग उनसे आशीर्वाद लेने के लिए कतारों में लगे रहते हैं। भारत में गणेश चतुर्थी के इस उत्सव के आखिरी दिन नम आखों से उन्हें विसर्जित कर विदा कर दिया जाता है।
जिस देश में यह सब होता है उसी देश के एक हिस्से में गजानन के स्वरुप की प्रतीक एक गर्भवती हथिनी को भोजन के रूप में पटाखे खिलाकर उसके पेट में पल रहे भ्रुण के साथ उसके जीवन को बेहद ही बेरहमी के साथ ध्वस्त कर दिया जाता है।
यह हदृयविदारक घटना उसी देश में होती है, जहां पुण्य-प्रताप के लिए पक्षियों को दाना-पानी और चींटी को आटा खिलाया जाता है। गाय और कुत्तों को रसोई घर में बनी पहली रोटी खिलाई जाती है।
यह तो खैर हाथी या अन्य जानवरों से जुड़ी हिंदू धर्म की मान्यता का विषय है। भारत में दूसरे धर्म के लोग भी रहते हैं जो गाय, कुत्ते और हाथी जैसे जानवरों को उस दृष्टि या मान्यता के साथ नहीं देखते जिस दृष्टि से हिंदू देखते हैं और मानते हैं। लेकिन अगर कुछ देर के लिए किसी धर्म विशेष की बात को छोड़ दें तो भारत में ज्यादातर लोगों का जानवरों के साथ रिश्ता रहा है। फिर वो चाहे किसी भी धर्म का रहा हो। कई सदियों से कुत्ते आदमी के ‘कंपेनियन’ रहे हैं।
गाय, भेड़, बकरी, ऊंट, हाथी, घोड़े ये सब तो ऐसे जानवर रहे हैं जिन्हें आदमी आसानी से छू सकता है, उनके पास जा सकता है।
आदमी अपने जीवन काल में किसी न किसी जानवर को पानी पिलाता ही है या किसी न किसी रूप में उसे खाना देता ही है। ऐसे में मनुष्य और इन जानवरों के बीच कम से कम एक भरोसे का रिश्ता तो रहा ही है। बेशक कोई व्यक्ति हाथी को अपने घर में नहीं पालता, लेकिन जब आदमी हाथी को छूता है तो दोनों के बीच एक भरोसा तो होता ही है कि दोनों में से कोई भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
केरल की घटना इंसान और जानवर के बीच के भरोसे के टूटने की घटना है। ट्रस्ट और बिट्रेड की कहानी। विश्वास और विश्वासघात की कहानी।
दुनिया का सबसे समझदार और संवेदनशील जीव मादा हाथी अपनी गर्भावस्था और भूख की स्थिति में इंसान के पास एक उम्मीद के साथ आती है और इंसान उसे भोजन में विस्फोटक मिलाकर खिला देता है। इस इंसानी करतूत के बाद वो कई दिनों तक असहनीय दर्द से टूटती और कराहती है।
वो ठंडे पानी में अपनी सूंड और मुंह को डूबाकर रखती है इस आस में कि इंसान के दिए इस दर्द से शायद उसे कुछ पल राहत मिल सकेगी। लेकिन यह इंसान का दिया हुआ घाव था। विश्वासघात का घाव। अंतत: इसी घाव से दुनिया का सबसे ताकतवर और मजबूत जीव टूट जाता है और अपने पेट में पल रहे भ्रुण के साथ खुद को पानी में विसर्जित कर देता है।
कहते हैं जमीन पर रहने वाले जीवों में हाथी की याददाश्त सबसे ज्यादा होती है। जाहिर है धरती का यह सबसे प्यारा जीव इंसान के इस घाव को लंबे वक्त तक नहीं भूल पाएगा।
हाथी के बारे में कुछ तथ्य:
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पिछले एक दशक में हाथियों की संख्या देश में 10 लाख से घटकर 27 हजार हुई।
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केरल में ही हर तीन से चार दिनों में एक हाथी की मौत हो जाती है।
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कई हाथी सर्कस में बंधक हैं।
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भारत में करीब 2 हजार से 2500 हाथियों को बंधक बनाकर रखा गया है।
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करीब 1800 हाथी मंदिरों में बंधक हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक केरल में ही ऐसे 500 हाथी कैद में हैं।
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(नोट: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक की निजी अभिव्यक्ति है। वेबदुनिया का इससे कोई संबंध नहीं है।