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खेतों की सुरक्षा के लिए सराहनीय पहल

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रविकांत द्विवेदी

हमारे देश का किसान दिन-रात हाड़ तोड़ मेहनत करके अपनी फसल उगाता है.. और उस फसल के सहारे ही उसकी रोजी-रोटी टिकी होती है ऐसे में अगर फसलों को किसी तरह का नुकसान हो तो शायद किसान के लिए इससे पीड़ादायक कुछ और नहीं हो सकता.. कुछ इसी तरह की समस्याओं से दो चार हो रहे हैं यूपी के ललितपुर जिले के भडियावारा गांव के किसान.. इनकी सबसे बड़ी समस्या ये है कि इनके खेतों में जंगली और आवारा जानवर घुस जाते और जमकर उत्पात मचाते हैं..

नतीजा खेत पूरी तरह से चौपट हो जाता था.. इसकी वजह एकदम साफ थी, एक तो इनके खेत जंगल के करीब थे दूसरे खेतों के चारो तरफ कोई बाड़ा भी नहीं था.. जिसके चलते जानवर आसानी से खेतो में घुस जाते.. हालत ये हो गई थी कि यहां के किसानों को दिन के अलावा रात में भी अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ती थी..
 
इस परेशानी के बारे में जब वहां पर काम कर रही सामाजिक संस्था गूंज को पता चला तो उसके समाधान को लेकर कोशिश की गई.. स्थानीय करीब करीब 45 लोगों की मदद और गूंज के सहयोग से वहां चारों तरफ पत्थर का बाड़ा बनाया गया.. डिग्निटी फॉर वर्क के तहत किए गये इस काम को पूरा करने में तीन दिन का वक्त लगा.. इसके बन जाने के बाद जहां आवारा जानवरों का खेतों में घुसना बंद हो गया है वहीं जंगल भी चारदीवारी हो गई है.  अब खेत और जंगल दोनों सुरक्षित हैं..
 
काम पूरा हो जाने के बाद गूंज ने इसमें शामिल लोगों को पुरस्कार स्वरूप फैमिली किट प्रदान किया जिसमें उनकी जरूरत के मुताबिक कपड़े, राशन और दूसरी रोजमर्रा की चीजें शामिल थी...

इससे जंगल की कटाई पर भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है... गौरतलब है कि गूंज को काम करते हुए 22 साल हो चुके हैं और इस इलाके में साल 2016 से ही टीम अलग अलग मुद्दों पर काम करती रही है.. जिसमें तालाब की साफ सफाई, कुएं की खुदाई, सड़कों का निर्माण व मरम्मत का काम, माहवारी के मुद्दे पर काम करना, साफ-सफाई और स्वच्छता जैसे विषय शामिल रहे हैं.. 

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