Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हिन्दी कविता : इस सावन में...

Advertiesment
हमें फॉलो करें हिन्दी कविता
-शैली बक्षी खड़कोतकर 
इस सावन में 
तन शीतल 
मन निर्मल 
हो जाए इस पावस में
नील गगन के काले बदरा
कुछ बरसो ऐसे सावन में
           ताप से यूं झुलस गई है 
           मन की सूनी धरती 
           चटक न जाए कहीं, देखो
           आस के नाजुक मोती   
निर्झर बहती अश्रुधार को  
मिल जाए बूंदों का संग 
इसी बहाव पर पार कर लेंगे 
जीवन की डगमग कश्ती
         मन-आँगन धुल जाए
         हर कोना पावन हो जाए 
         मुक्त करो हमको, हमसे
         रहे न किसी बंधन में 
 नील गगन के काले बदरा 
कुछ ऐसे बरसो सावन में ..
webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi