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फ़ुटबॉल के देवता ने कहा : दस नंबर की इस जर्सी को ग़ौर से देखो

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सुशोभित सक्तावत

रविवार रात "रीयल मैड्र‍िड" के गढ़ "सांतियागो बेर्नबऊ" में मैड्रिड और बार्सीलोना के बीच खेले गए सनसनीख़ेज़ "एल क्लैसिको" मैच में खेल का समय पूर्ण होने के मात्र तेरह सेकंड पहले जब लियोनल मेस्सी ने विजयी गोल दाग़ा तो एक अजब घटना घटी।
 
मेस्सी ने अपनी कमीज़ उतारी और उसे "रीयल मैड्रिड" समर्थकों के अवलोकन के लिए अपने चेहरे के सामने तानकर खड़े हो गए। इसका क्या मतलब था, मेस्सी तो कभी अपनी कमीज़ उतारते नहीं हैं।
 
इसके दो स्पष्ट मतलब थे :
1) साहेबान, लाल और नीली धारियों वाली इस कमीज़ को ध्यान से देखिए, यह एफ़सी बार्सीलोना की जर्सी है।
2) दोस्तो, इस जर्सी पर दस नंबर के साथ लिखा वह नाम ध्यान से पढ़िए, यह मेरा नाम है।
 
और यह भी कि :
"मत्स्यपुरुष कभी रेत पर छटपटाते नहीं हैं, उनके पैरों में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, वे अपने पंखों में चपल तरलता लिए पानी में तैरते हैं। मैड्रिड के दोस्तो, मेरा नाम "लियोनल मेस्सी" है। मैं "एफ़सी बार्सीलोना" के लिए खेलता हूं। और समझ तो ना पाओगे कि क्षणांश के बीच संपूर्ण की लय के साथ पारदर्शी और वायवी खेल क्या होता है, जिस पर देवता हरसिंगार बरसाते हैं, फिर भी यह नाम याद रखना, ताकि सनद रहे।"
 
"सांतियागो बेर्नबऊ" में, "रीयल मैड्र‍िड" के विरुद्ध, ऐसा करने का जो मतलब है, उसे केवल बार्सीलोना के समर्थक ही समझ सकते हैं। त्वचा की रोमावलियों में हर्ष। गूज़बम्प्स!
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"एल क्लैसिको"!
दुनिया ने और भी "क्लैसिको" देखे हैं। जैसे बोका जूनियर्स बनाम रिवर प्लेट के बीच खेला जाने वाला "सुपर क्लैसिको"। बायर्न म्यूनिख़ और बोरुशिया डॉर्टमंड के बीच खेला जाने वाला "डेर क्लैसिकेर"। इनके अलावा "मिलान डार्बी", "लंदन डार्बी" की प्रतिद्वंद्व‍िताएं। इंग्लैंड और अर्जेंतीना, ब्राज़ील और जर्मनी की ऐतिहासिक "राइवलरीज़"। लेकिन दुनिया की तमाम प्रतिद्वंद्व‍िताएं एक तरफ़ और "एल क्लैसिको" दूसरी तरफ़। कोई और मुक़ाबला फ़ुटबॉलप्रेमियों को इस तरह से "ध्रुवीकृत" नहीं करता, जैसे कि बार्सीलोना बनाम रीयल मैड्र‍िड का मुक़ाबला करता है। जब जब "एल क्लैसिको" होता है, नब्बे मिनटों के लिए फ़ुटबॉल की दुनिया थम जाती है। स्वयं स्पेन में "क्लैसिको" का एक भावनात्मक महत्व है, क्योंकि "कातालोनिया" वहां पर अलगाववादी क्षेत्रीय अस्म‍िता का जनपद है और बार्सीलोना उसका गढ़।
 
इस "क्लैसिको" की एक आधुनिक अंतर्कथा है, लियोनेल मेस्सी और क्रिस्ट‍ियानो रोनाल्डो के बीच श्रेष्ठता की जंग। वर्ष 2009 में जब रोनाल्डो मैनचेस्टर यूनाइटेड छोड़कर रीयल मैड्रिड आए थे, तभी यह तय हो गया था कि अब "क्लैसिको" मुक़ाबलों की धार और बढ़ने वाली है और उन पर होने वाली जिरहों में नए प्रसंग जुड़ने वाले हैं। और वे बाक़ायदा हर बार जुड़ते भी रहे, तब तो और ज़्यादा, जब क्रिस्ट‍ियानो रोनाल्डो कैम्प नोउ में "कामा कामा" सेलिब्रेशन करते नज़र आए, और "बेलन डी ओर" जीतने पर उन्होंने बार्सीलोना पर भद्दा कटाक्ष किया।
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और तब, रविवार की रात को पूरी दुनिया ने देखा, कि यह कहानी कितनी खोखली है। कि रोनाल्डो वास्तव में मेस्सी के पासंग भी नहीं हैं। कि यह मेस्सी का अपमान है कि रोनाल्डो से उनकी तुलना की जाती है। कि यह रोनाल्डो के करियर की सबसे बड़ी अचीवमेंट है कि उन्होंने स्वयं को "मेस्सी बनाम रोनाल्डो" के "द्वैत" में स्थापित कर लिया, जबकि इसका कहीं कोई अस्त‍ित्व ही नहीं था।
 
कारण, जिसके भी पास फ़ुटबॉल देखने की आंखें हैं, वह देख सकता है कि रोनाल्डो सतही और ढीठ फ़ुटबॉल खेलते हैं। "पेनल्टी" की मांग करने वाली, बॉक्स में खड़े होकर "ऑफ़साइड" गोल करने वाली, साथियों को पास नहीं करके ख़ुद "लंबे शॉट" दाग़ने वाली ख़ुदगर्ज फ़ुटबॉल। जबकि मेस्सी फ़ुटबॉल के हठयोगी हैं, कवि-साधक हैं। वे बहुधा "डिफ़ेंसिव मिडफ़ील्ड" से गेंद लेकर आगे बढ़ते हैं, "वन-टू" खेलते हुए "पेनल्टी बॉक्स" की ओर बढ़ते हैं, डिफ़ेंडरों के जत्थे के बीच इस तरह से "ड्रिबल" करते हैं, जैसे वे हाड़-मांस नहीं, हवा और धूप और चांदनी से बने हुए हों और गोलचौकी के समक्ष जाकर सधा हुआ "फ़िनिश" करते हैं। उनका "फ़र्स्ट-टच" परिपूर्ण होता है। हल्का, निष्णात, पारदर्शी। बहुधा वे तीन या चार "टच" में गोल दाग़ देते हैं, जैसा कि पिछली रात उन्होंने मैड्रिड की रक्षापंक्त‍ि को उपहास्य बनाते हुए किया।
 
मेस्सी लगभग कभी "ऑफ़साइड" नहीं होते। "मिडफ़ील्ड" से "पेनल्टी बॉक्स" तक को वे जिस सधी हुई दौड़ के साथ मापते हैं, वह एक नज़ारा होता है। उनके पास "समय" और "स्पेस" की गहरी समझ है। जिस तरह के अकल्पनीय गोल लगभग हर दूसरे मैच में वे दाग़ते हैं, वैसे तीनेक गोल ही शीर्ष फ़ुटबॉलर्स अपने पूरे कैरियर में दाग़ पाते हैं। और मुझे याद नहीं आता, रोनाल्डो ने पिछली बार पांच डिफ़ेंडरों के बीच "ड्रिबल" करते हुए "सोलो गोल" कब किया था। अगर कोई "मैड्रिडिस्ता" यह लेख पढ़ रहा हो तो वह मुझे इसकी ताईद कर सकता है।
 
बीती रात रोनाल्डो ने सात शॉट गोल पर दाग़े, कोई निशाने पर नहीं लगा। एक हास्यास्पद "ओवरहेड" किक के लिए भी कोशिश की। जहां वे गेंद को "पास" कर सकते थे, वहां उन्होंने वैसा नहीं किया। जबकि मेस्सी पहले हाफ़ में ही मैड्रिड के पाले में पांच ड्रिबल कर चुके थे। उन पर लगातार "फ़ॉउल" किए जाते रहे। मार्सेलो ने कोहनी मारकर मेस्सी का चेहरा लहूलुहान कर दिया। रामोस ने मेस्सी पर एक ख़तरनाक टेकल करके "रेड कार्ड" पाया! लेकिन निर्विवाद सच तो यही है कि लियोनल मेस्सी फ़ुटबॉल का देवता है। उसने खेल को अप्रत्याशित संपूर्णता दी है। मेस्सी का आकलन कलात्मक आशयों में ही किया जा सकता है और अगर उनकी तुलना की जाना हो तो वह पेले, मारादोना, योहान क्रुएफ़ और डी स्तेफ़ानो से की जानी चाहिए, क्रिस्ट‍ियानो रोनाल्डो से ह‍रगिज़ नहीं।
 
"सांतियागो बेर्नबऊ" में अपनी जर्सी उतारकर मैड्रिड के समर्थकों को दिखाते मेस्सी की वह छवि अब अमर हो गई है। किंवदंतियां इसी तरह से जन्म लेती हैं। हमने बीती रात फिर एक किंवदंती को जन्म लेते देखा।
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चलने से पहले दो बातें :
मार्क आंद्रे टेर स्टेगन : बीती रात तुम अद्भुत थे। तुमने जो बारह गोल बचाए, उनकी बदौलत ही हम जीत सके। तुम्हें बारहा सलाम।
 
सेर्जी रोबेर्तो : तुम्हें मालूम नहीं बार्सीलोना तुम्हें कितना प्यार करता है। तुमने "पीएसजी" के विरुद्ध वह यादगार विजयी गोल दाग़ा, तुम्हीं कल खेल के अंतिम पलों में गेंद लेकर दौड़े। तुम्हारे पास बड़ा कलेजा है। तुम्हें प्यार।
 
और अब, "बार्सीलोना-एंथम" के लिए मेरे स्वर से स्वर मिलाइए, दोस्तो :
"हुगादोर्स, सेग्व‍िदोर्स
तोत्स उनीत्स फ़ेम फ़ोर्सा 
ब्लॉग्राना अल वेन्त 
उन क्रित वेलेन्त 
तेsssनीम उन नोम एल सैप तोथोम : 
बार्सा, बार्सा, बाsssर्सा!" 
शुक्रिया।

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