इस वक्त संपूर्ण विश्व चायनीज वायरस कोरोना या कोविड-19 से जूझ रहा है। लॉकडाउन के दौरान कई लोगों की नौकरी चली गई तो कई लोग कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। बहुतों के व्यापार-व्यवसाय ठप हो चले हैं। परिवार ही नहीं संपूर्ण देश आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है। ऐसे में कई लोगों ने जीवन से हार मान ली है तो कई लोग इससे उभरकर बाहर निकल आएं हैं और कई लोग अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में यदि आपने 5 बातों पर ध्यान दिया तो आप भी संकट के इस काल में जीत जाएंगे।
1. समय की कीमत समझो : बहुत से लोग हैं जो कभी भी उठ जाते है और कभी भी सो जाते हैं। कभी भी खा लेते हैं और कभी भी कहीं भी घूमने निकल जाते हैं। उनके जीवन में समय का कोई प्रबंधन नहीं होता है। वे बेतरतीब भरा जीवन जीते हैं। जिसके जीवन में समय का प्रबंधन नहीं है वह बस अच्छे भविष्य के सपने ही देखा करता है। अत: जीवन में उठने का, पूजा करने का, खाने का, कार्य करने का सोने का और लक्ष्य को भेदने का नियम जरूर बनाएं। समय को व्यर्थ ना बहाएं क्योंकि जीवन है बहुत छोटा सा और समय है बहुत ही खोटा सा।
2. आज जो मिले वहीं सही : चाणक्य ने एक बार शायद कहीं पर कहा था कि कल मिलने वाले मोर की अपेक्षा आज मिलने वाला कबूतर मुझे ज्यादा पसंद होगा। मतलब यह कि आज आपको जो मिल रहा है उसे लपक लो, कल के भरोसे मत रहो कि कल इससे अच्छा मिलेगा तो आज ये जो मिल रहा है उसे छोड़ दो। उदाहणार्थ की कल सोना अच्छी कीमत में बिक जाएगा या प्लाट अच्छी कीमत में बिकेगा। कल नौकरी अच्छी मिलेगा अभी मैं ये नौकरी क्यों करूं? मैं तो इससे बड़ी नौकरी चाहता हूं। भूख तो आज लगी है और खाओगे कल तो तब तक तो भूख ही मर जाएगी या अभी जो खाना परसा है उस पर किसी ओर का अधिकार हो जाएगा तब क्या करोगे। इसलिए कल की चिंता करो परंतु आज को चूको मत।
3. फिर से शुरुआत करो : कई धर्मग्रंथों के अनुसार व्यक्ति जैसा सोचता है वैसा ही हो जाता है। यदि आप सबकुछ खो बैठे हैं तो निश्चिंत हो जाइये क्योंकि आप सबकुछ पाने की क्षमता रखते हो। यह ब्रह्मांड उल्टे वृक्ष की भांति है। अर्थात इसकी जड़ें ऊपर की ओर हैं। आपको नीचे कुछ भी नहीं मिलेगा। ऊपर ही मिलेगा। जिस तरह आपके शरीर की जड़ें भी आपके मस्तिष्क में है उसी तरह आसमान में है अदृश्य जड़ें। विश्वास करो और आसमान से मांगो। सोचो कि मुझे ये चाहिए और वह मिलेगा। नकारात्मक सोच को बाहर निकालकर फिर से शुरुआत करो। बुरे हालात या मुसीबतों के वक्त जो इंसान दु:खी होने की जगह पर संयम और सावधानी के साथ पुरुषार्थ, मेहनत या परिश्रम को अपनाए और सहनशीलता के साथ कष्टों का सामना करे, तो उसे सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।
4. जीवन हो योजनाओं से भरा : जीवन के किसी भी क्षेत्र में बेहतर रणनीति आपके जीवन को सफल बना सकती है और यदि कोई योजना या रणनीति नहीं है तो समझो जीवन एक अराजक भविष्य में चला जाएगा जिसके सफल होने की कोई गारंटी नहीं। यह ऐसा दौर है कि अब आपके दिमाग में मास्टर प्लान होना जरूरी है। यदि आपको जीवन के किसी भी क्षेत्र में जीत हासिल करना हो और यदि आपकी रणनीति और उद्देश्य सही है तो आपको जीतने से कोई रोक नहीं सकता।
5. भाग्य के भरोसे मत रहो : जिंदकी भाग्य से नहीं चलती। भाग्य भी तभी चलता है जब कर्म का चक्का घुमता है। इंसान की जिंदगी जन्म और मौत के बीच की कड़ी-भर है। यह जिंदगी बहुत छोटी है। कब दिन गुजर जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा इसलिए प्रत्येक दिन का भरपूर उपयोग करना चाहिए। कुछ ऐसे भी कर्म करना चाहिए, जो आपके अगले जीवन की तैयारी के हों। अत: इस जीवन में जितना हो सके, उतने अच्छे कर्म कीजिए। एक बार यह जीवन बीत गया, तो फिर आपकी प्रतिभा, पहचान, धन और रुतबा किसी काम नहीं आएंगे।
6. अपनी लड़ाई खुद लड़ना होती है : जिंदगी एक उत्सव है, संघर्ष नहीं। यदि आप अपने जिंदगी को संघर्ष समझते हैं तो निश्चित ही वह संघर्षमय होने वाली है। हालांकि जीवन के कुछ मोर्चों पर व्यक्ति को लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। जो व्यक्ति लड़ना नहीं जानता, युद्ध उसी पर थोपा जाएगा या उसको सबसे पहले मारा जाएगा। उसी के जीवन में संघर्ष भी होगा। इसीलिए अपनी चीज को हासिल करने के लिए कई बार युद्ध करना पड़ता है। अपने अधिकारों के लिए कई बार लड़ना पड़ता है। जो व्यक्ति हमेशा लड़ाई के लिए तैयार रहता है, लड़ाई उस पर कभी भी थोपी नहीं जाती है। यदि तुम यह सोचते हो कि तुम्हें कोई मदद करने आएगा तो यह बाद दिमाग से निकाल लो, क्योंकि अधिकतर मोर्चों पर अपनी लड़ाई खुद ही लड़ना पड़ती है।