Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

पिता जो हूं....

Advertiesment
हमें फॉलो करें पिता जो हूं....
webdunia

ब्रजेश कानूनगो

बचपन में लौटने के लिए
 
पांच बरस की अपनी बेटी बन जाना चाहता हूं मैं 
 
मनोरंजन पार्क की हवा में लहराती नाव में बैठकर
नीम की सबसे ऊंची पत्ती को छूकर
खिलौना रेलगाड़ी के आखिरी डिब्बे से
चहकना चाहता हूं
जल्दी घर लौटनें की हिदायत और
आंखें झपकाती
सुनहरे बालों वाली गुड़िया की फरमाइश के बाद
दरवाजे की ओट में छुपकर
शेर की परिचित आवाज से
डरा लेना चाहता हूं स्वयं को
 
झूल जाना चाहता हूं अपने ही कंधों पर
नन्हीं बाहों के सहारे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

फादर्स डे स्पेशल : हां, पापा को मैंने बदलते देखा है...