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नागदेवता से जुड़ीं 20 रोचक जानकारी और मान्यताएं

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WD Feature Desk

, सोमवार, 28 जुलाई 2025 (15:30 IST)
Nag Devta facts: धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से नाग पूजा करने से सर्प भय, रोग, शत्रु बाधा और असामयिक या आकस्मिक मृत्यु से रक्षा होती है। नाग पंचमी पर नागों की पूजा की जाती है, लेकिन नाग देवता से जुड़ी कई और भी रोचक जानकारी और मान्यताएं हैं, जिन्हें आप नहीं जानते होंगे। यहां आपके लिए ऐसी 20 रोचक जानकारी दी जा रही है:ALSO READ: नाग पंचमी पर क्यों नहीं बनती रोटी, क्यों नहीं चढ़ाया जाता चूल्हे पर तवा?, जानिए कारण
 
1. अमरता का प्रतीक: नाग को अमरता का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि वे अपनी त्वचा यानी केंचुली उतारकर खुद को नया जीवन देते हैं। यह पुनर्जन्म और नवजीवन का सूचक है।
 
2. पाताल लोक के निवासी: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पाताल लोक में निवास करते हैं और उनके राजा शेषनाग हैं।
 
3. नाग और भगवान शिव: नागों का सबसे गहरा संबंध भगवान शिव से है। वे हमेशा उनके गले में हार के रूप में विराजमान रहते हैं, जिसे वासुकी नाग कहा जाता है। यह शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक है।
 
4. नाग और भगवान विष्णु: भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग के ऊपर ही विराजमान रहते हैं। शेषनाग को ही अनंत कहा गया है।
 
5. कृष्णा और कालिया नाग: पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने यमुना नदी से कालिया नाग को बाहर निकाला था और उसके फन पर नृत्य किया था।
 
6. नागों का निवास: माना जाता है कि नाग धरती के अंदर रहते हैं और वे पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
 
7. नाग पंचमी का महत्व: नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से सर्प दंश का भय दूर होता है और राहु-केतु के अशुभ प्रभाव भी कम होते हैं।
 
8. नाग कुल: हिंदू धर्म में नागों के 12 कुल या प्रकार बताए गए हैं, जिनमें वासुकि, शेष, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलिर, कर्कोटक, शंखपाल, शंखचूड़, धृतराष्ट्र, कालिया और पिंगल प्रमुख हैं।
 
9. नाग और जल: नागों का संबंध जल से माना जाता है। इसलिए नाग पंचमी पर अक्सर उन्हें दूध और जल चढ़ाया जाता है तथा उनके प्रसिद्ध मंत्र: 'ॐ नमो भगवते वासुकिनाथाय' का जाप नागपंचमी पर फलदायक होता है।
 
10. नाग देवता की पूजा का कारण: मान्यता है कि नागों को देवता मानकर पूजा करने से वे खेतों और घर की रक्षा करते हैं।ALSO READ: नाग पंचमी का त्योहार कब रहेगा, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
 
11. मंदिरों में नाग देवता: कई मंदिरों में नाग देवता की प्रतिमाएं स्थापित हैं। अक्सर शिव मंदिरों में भी नाग देवता की प्रतिमाएं मिलती हैं।
 
12. नागों का दूध पीना: नागों को दूध पिलाने की परंपरा है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए उन्हें दूध की जगह जल अर्पित करना चाहिए।
 
13. नाग और इंद्र देव: नागों की पूजा का संबंध वर्षा से भी है। ऐसा माना जाता है कि इंद्र देव की कृपा से बारिश होती है और नागों का पूजन भी अच्छी बारिश के लिए किया जाता है।
 
14. नागों की सुरक्षा: भारतीय संस्कृति में नागों को मारने की मनाही है। उन्हें 'किसान का मित्र' माना जाता है, क्योंकि वे चूहों और अन्य कीड़ों को खाकर फसलों की रक्षा करते हैं।
 
15. नाग और ज्योतिष: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को नागों के रूप में देखा जाता है। राहु को नाग का सिर और केतु को नाग की पूंछ माना जाता है।
 
16. पितृ दोष से संबंध: नागों को पितरों का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए नाग पूजा से पितृ दोष भी दूर होता है। 
 
17. मन्नत पूरी करने वाले नाग: कुछ स्थानों पर नागों को मन्नत पूरी करने वाला देवता भी माना जाता है।
 
18. नागों का ज्ञान: पुराणों के अनुसार, नागों के पास ज्ञान का भंडार है। शेषनाग ने ही अपनी जीभ पर पूरी पृथ्वी को धारण किया हुआ है।
 
19. मानव और नाग का संबंध: कई लोककथाओं में नागों और मनुष्यों के बीच मित्रता के किस्से मिलते हैं।
 
20. नाग पूजा का वैज्ञानिक महत्व: नागों की पूजा करने से सांपों के प्रति जागरूकता बढ़ती है और लोग उन्हें मारना बंद कर देते हैं, जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: नागपंचमी की पौराणिक कथा

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