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Nag Panchami 2024: नागपंचमी पर करें ये 5 उपाय, कालसर्प दोष हो जाएगा एकदम समाप्त

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WD Feature Desk

, शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 (11:13 IST)
Nag Panchami 2024: नागपंचमी का त्योहार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त 2024 शुक्रवार को मनाया जाएगा। नाग पंचमी एक ऐसा त्योहार है जिस दिन कुंडली के सभी सर्प दोष और कालसर्प दोष को दूर किया जा सकता है। इसको लेकर त्र्यंबकेश्वर, बद्रीनाथ धाम, त्रिजुगी नारायण मंदिर केदारनाथ, त्रीनागेश्वरम वासुकी नाग मंदिर तंजौर, संगम तट प्रयागराज और सिद्धवट उज्जैन में विशेष पूजा एवं अनुष्‍ठा होते हैं। वहां नहीं जा पा रहे हैं तो आजमाएं 5 अचूक उपाय।ALSO READ: श्रावण मास विशेष: सावन में अवश्य पढ़ें प्राचीन शिव पंचाक्षरी स्तोत्र, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
 
1. चांदी के नाग नागिन का दान : चांदी के नाग नागिन के जोड़े यदि आप नहीं ला सकते हैं तो बड़ीसी रस्सी में सात गांठें लगाकर उसे सर्प रूप में बना लें। फिर उसे एक आसन पर स्थापित करके उसपर कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित करें। फिर गुग्गल की धूप दें। इस दौरान राहु और केतु के मंत्र पढ़ें। राहु के मंत्र 'ऊं रां राहवे नम' और केतु के मंत्र 'ऊं कें केतवे नम:' का जाप बराबर संख्या में करें। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करते हुए एक-एक करके रस्सी की गांठ खोलते जाएं। फिर जब भी समय मिले रस्सी को बहते हुए जल में बहा दें दें। इससे काल सर्पदोष दूर हो जाएगा।
 
2. स्वास्त‍िक को गले में धारण करें : चांदी के दो सर्पों के साथ ही स्वास्तिक बनवाएं। अब थाल में रखकर इन दोनों सांर्पों की पूजा करें और एक दूसरे थाल में स्वास्त‍िक को रखकर उसकी अलग पूजा करें। सर्पों को कच्चा दूध चढ़ाएं और स्वास्त‍िक पर एक बेलपत्र चढ़ाएं। फिर दोनों थाल को सामने रखकर 'ऊं नागेंद्रहाराय नम:' का जाप करें। इसके बाद नागों को ले जाकर शिवलिंग पर अर्पित करेंगे और स्वास्त‍िक को गले में धारण करेंगे। ऐसा करने से कल सर्प दोष, सर्पभय और स्वप्न दूर हो जाते हैं।ALSO READ: नाग पंचमी के 20 बहुत सरल उपाय, कालसर्प दोष से बचने के लिए आजमाएं
 
3. श्रीसर्प सूक्त का पाठ : जिस जातक की कुंडली में कालसर्प योग, पितृ दोष होता है उसका जीवन अत्यंत कष्टदायी होता है। उसका जीवन पीड़ा से भर जाता है। उसे अनेक प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। इस योग से जातक मन ही मन घुटता रहता है। ऐसे जातक को नागपंचमी के दिन श्रीसर्प सूक्त का पाठ करना चाहिए।
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kaal sarp yog
4. द्वार पर नाग : नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं और इसकी विधिवत रूप से पूजा करें। इससे जहां आर्थ‍िक लाभ होगा, वहीं घर पर आने वाली काल सर्प दोष से उत्पन्न विपत्त‍ियां भी टल जाएंगी। इसी के साथ ही 'आस्तिक मुनि की दुहाई' नामक वाक्य घर की बाहरी दीवारों पर सर्प से सुरक्षा के लिए लिखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस वाक्य को घर की दीवार पर लिखने से उस घर में सर्प प्रवेश नहीं करता और काल सर्प दोष भी नहीं लगता है।
 
5. महामृत्युंजय मंत्र का जाप: कालसर्प दोष होने पर नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का पूजन करें और इस दौरान महामृत्युंजय का जाप जरूर करें। इस दिन गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके साथ ही किसी पवित्र नदी में चांदी या तांबे से बना नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करें।ALSO READ: Halharini amavasya: हलहारिणी अमावस्या के 7 अचूक उपाय से होगा कालसर्प दोष दूर
 
पितृशांति कर्म : नासिक के पास त्र्यम्बकेश्वर में या उज्जैन में सिद्धवट पर विधिवत रूप से काल सर्प दोष और पितृदोष का शांतिकर्म कराएं। यहां नहीं करा सकते हैं तो किसी पवित्र नदी के तट पर, तीर्थस्थान में या शिव सान्निध्य में प्रयोग किए जा सकते हैं। नाग पंचमी पर यदि यह शांतिकर्म कराएंगे तो विशेष लाभ मिलेगा।
 

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