इस वर्ष शुक्रवार, 28 जुलाई 2017 को नागपंचमी है। नाग या सर्प का पूजन तथा कालसर्प दोष के निवारणार्थ इससे अच्छा दिन और कोई नहीं है। पूरा श्रावण मास ही शिवपूजन के लिए प्रशस्त माना जाता है। जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष उपस्थित होता है, उसके जीवन में समस्या का अंत नहीं होता है। वैसे तो कालसर्प दोष की निवृत्ति पूजन करने से ही होती है। यदि हर वर्ष कराएं तो अधिक लाभ होगा। इससे बचने के उपाय निम्नलिखित हैं-
1. रुद्राभिषेक कराएं।
2. राहु-केतु का पूजन व जप-हवन आदि कराएं।
3. मां मनसादेवी व सर्पपूजन कराएं।
4. सर्पसूक्त के पाठों का पुरश्चरण कराएं।
5. नाग गायत्री यंत्र का पुरश्चरण कराएं।
6. जिस शिवलिंग पर नाग नहीं हो तो नाग देवता की प्रतिष्ठा कर ब्रह्म मुहूर्त में शिवजी पर नाग चढ़ाएं।
7. सपेरों से नाग को मुक्त कराएं।
8. कुल देवता, पितृ देवता तथा नाग देवता के मंत्रों का जाप करें।
जपे जा सकने वाले मंत्र निम्नलिखित हैं। सरल मंत्र दिए जा रहे हैं-
1. 'ॐ रां राहवे नम:।'
2. 'ॐ कें केतवे नम:।'
3. 'ॐ कुलदेवतायै नम:।'
4. 'ॐ पितृदेवतायै नम:।'
5. 'ॐ नागदेवतायै नम:।'
6. 'ॐ नागकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो: सर्प प्रचोद्यात्।'
कालसर्प दोष के निवारण के लिए काले व नीले रंगों से बचें, चंदन का इत्र लगाएं, झूठ न बोलें, नशे से दूर रहें, सामाजिक नियमों का पालन करें, किसी का शोषण न करें। नित्य अपने ईष्ट देवता का पूजन-जप इत्यादि इन दोषों को शिथिल करता है।
नागपंचमी पर पढ़ें यह अलौकिक नाग मंत्र... (देखें वीडियो)