नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा प्रधान रूप से की जाती है। इस बार अंग्रेजी माह के अनुसार 13 अगस्त 2021 शुक्रवार को शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का त्योहार रहेगा।
1. नाग पंचमी पर नागों की पूजा की जाती है। यही कारण है कि सपेरे जंगल से नाग पकड़कर पिटारे में बंद करके लाते हैं और लोग उन नागों की पूजा करते हैं, दूध पिलाते हैं और सपेरे को इससे रुपए कमाने का मौका मिलता है।
2. भारत में सपेरों द्वारा धर्म के नाम पर किया जाने वाले कृत्य के चलते भी सांप की प्राजाति लुप्त होने के कगार पर है। सांप हमारी धरती के पारिस्थितिकी तंत्र का एक अहम हिस्सा है। सांप चूहों व कृंतकों का सफाया कर देता है। धान के खेतों में अगर सांप नहीं हो तो चूहे सारी फसल कटाई से पहले ही चट कर जाएं।
3. कहते हैं कि सपेरे नाग या सांप को पकड़ने के बाद सांपों के विष को निकालकर ऐसे संस्थानों को विष की आपूर्ति करते हैं जहां सांप के विष की प्रतिरोधी दवाई 'स्नेक एंटीडोट' बनाई जाती है परंतु वे विष निकालने में इतने कुशल नहीं होते हैं और इसी प्रयास में कई सांपों के दांत तोड़ बैठते हैं। जिसके चलते सांपों की मौत हो जाती है।
4. कई बार वे जानबूझकर दांत तोड़ते हैं ताकि घर घर जाकर जब बीन बजाकर पैसे कमाएं तो इस दौरान वह सांप किसी को काट न खाए। इसके जहर से बचने के लिए अकसर सपेरे सांपों के डसने वाले दांत तोड़ देते हैं जिसके कारण संक्रमण व घावों से सांपों की असमय मौत हो जाती है। कई बार सपेरे अपना काम निकलने के बाद सांपों को जंगल में छोड़ देते हैं तो वह वहां कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो जाती है।
5. यह बात लोगों को समझना चाहिये की कोई भी सांप दूध नहीं पीता। उसका भोजन नहीं है दूध। सपेरों द्वारा पकड़े जाने पर अकसर सांप को भूखे रखे जाने से भी उसकी मौत हो जाती है। कैद में कोई भी सांप एक माह से अधिक जीवित नहीं रहता।
6. कई बार उसे घंटों डिब्बे, पिटारे या थैले में सही प्रकार से नहीं रखे जाने पर दम घुटने से भी उसकी मौत हो जाती है। बांस की छोटी-छोटी टोकनियों में जबरदस्ती लपेटे जाने से पसलियों के टूटने से तथा कई बार फांस लगने से भी उनकी मृत्यु हो जाती है।
ऐसे में सांप को बचाने का संकल्प लें और ये कार्य करें :
1. किसी भी जिंदा सांप की पूजा करना बंद कर दें और सपेरों को देखें तो उन्हें फटकार लगाएं या पुलिस को सूचना दें।
2. नागों की पूजा करने के लिए उनके चित्र या मूर्ति को लकड़ी के पाट के उपर स्थापित करके पूजन करें। घर में यदि नाग मूर्ति या चित्र नहीं है तो कई लोग शिवमंदिर में जाकर नाग देवता की पूजा करते हैं।
3. वहां नाग मूर्ति पर हल्दी, कंकू, रोली, चावल और फूल चढ़कर पूजा करते हैं और उसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग मूर्ति को अर्पित करते हैं। पूजन करने के बाद सर्प देवता की आरती उतारी जाती है। अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनते हैं।
4. नागपंचमी के दिन व्रत रख रहे हैं तो चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें तथा पंचमी के दिन उपवास करके शाम को अन्न ग्रहण किया जाता है।
5. नाग पंचमी पूजा मुहूर्त : 05:48:49 से 08:27:36 तक। अवधि: 2 घंटे 38 मिनट।