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Prakash Parv 2020 : कैसे मनाएं गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्‍सव पर्व

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Guru Nanak Jayanti 2020
 
कार्तिक पूर्णिमा के दिन 30 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्‍सव मनाया जाएगा। गुरु नानक देव का प्रकाशोत्‍सव पर्व पवित्र भावनाओं के साथ मनाया जाने वाला उत्‍सव है। नानक देव के प्रकाश पर्व के अवसर पर सभी गुरुद्वारों की भव्य सजावट की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन अमृत बेला में सुबह तीन बजे गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव आरंभ होता है तथा सुबह छ: बजे तक होता है। इसमें ध्यान, भजन, कीर्तन, प्रार्थना करते हुए नगर भ्रमण किया जाता है। 
 
प्रकाशोत्‍सव के दिन किस तरह से परंपराओं का निर्वाह किया जाए, कैसे इस उत्‍सव को मनाया जाए आइए जानते हैं। 
 
प्रकाश पर्व के दिन प्रभात बेला में क्या करें- 
 
* गुरु नानक देवजी के प्रकाशोत्सव पर सर्वप्रथम प्रातःकाल स्नानादि करके पांच वाणी का 'नित नेम' करें।
 
* स्वच्छ वस्त्र पहनकर गुरुद्वारा साहिब जाएं और मत्था टेकें।
 
* गुरु स्वरूप सात संगत के दर्शन करें।
 
* गुरुवाणी, कीर्तन सुनें।
 
* गुरुओं के इतिहास का श्रवण करें।
 
* सच्चे दिल से अरदास सुनें।
 
* संगत व गुरुघर की सेवा करें।
 
* गुरु के लंगर में जाकर सेवा करें। 
 
* अपनी सच्ची कमाई में से 10वां हिस्सा धार्मिक कार्य व गरीबों की सेवा के लिए दें।
 
करें इन 3 बातों का पालन- 
 
गुरु नानक ने सच्चे सिख के लिए यानी अपने शिष्यों से तीन मुख्य बातों का पालन करने के लिए कहा है। 
 
- ईश्वर का नाम जपें
 
- सच्ची कीरत (कमाई) करें।
 
- गरीब मार नहीं करें। (दान करें)
 
रात्रि में क्या करें :- 
 
गुरु नानक देवजी का जन्म रात्रि लगभग 1 बजकर 40 मिनट पर हुआ था। अतः इसके लिए रात्रि जागरण किया जाता है। इसके लिए निम्न कार्य करें :- 
 
* रात को पुनः दीवान सजता है अतः वहां कीर्तन, सत्संग आदि करें।
 
* जन्म के बाद सामूहिक अरदास में शामिल हों।
 
* गुरु महाराज के प्रकाश (जन्म) के समय फूलों की बरखा एवं आतिशबाजी करें।
 
* कड़ा-प्रसाद लें व एक-दूसरे को बधाई दें।
 
इस दिन अखंड पाठ और लंगर लगते हैं। गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते भव्य नगर कीर्तन और अन्य कार्यक्रमों को लेकर दिशानिर्देश का पालन करना तथा सावधानी रखना ही उचित रहेगा। 


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