नई दिल्ली। अमेरिका पर और दबाव बढ़ाते हुए भारत ने अमेरिकी दूतावास से कहा है कि वह अमेरिकन सेंटर में लाइसेंस हासिल किए बिना किसी भी फिल्म का प्रदर्शन नहीं करे और इसके लिए 20 जनवरी तक की समयसीमा दी गई है।अमेरिकन सेंटर आमंत्रित दर्शकों के लिए नियमित तौर पर फिल्मों का प्रदर्शन लाइसेंस के बिना ही करता है। इस ‘उल्लंघन’ को रोकने के लिए सरकार ने नोटिस भेजा है। न्यूयॉर्क में 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी एवं उप महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और उनके साथ हुए अभद्र व्यवहार के मामले में जवाबी कार्रवाई के तहत यह भारत का एक और कदम है।सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में अमेरिकी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे उल्लंघन को रोकने के लिए सरकार अब अमेरिकन सेंटर की गतिविधियों को निगरानी के दायरे में ले आई है।
यदि लाइसेंस नहीं लिया तो... पढ़ें अगले पेज पर....
सूत्रों ने बताया कि अमेरिकन सेंटर को शुक्रवार को भेजे गए संक्षिप्त शब्दों वाले नोटिस में भारत सरकार के कानूनों और दिल्ली सरकार के नियमों का पालन करने तथा फिल्में दिखाने के वास्ते लाइसेंस हासिल करने के लिए 20 जनवरी, 2013 तक की समयसीमा दी गई है।उन्होंने कहा कि अमेरिकन सेंटर में निर्देश का पालन नहीं होने पर 21 जनवरी से फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लग जाएगी। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने देवयानी की गिरफ्तारी को कल भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों में ‘अस्थायी भटकाव’ करार दिया था और कहा था कि मुद्दे के समाधान के लिए कूटनीति को अवसर दिया जाना चाहिए।देवयानी 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं और न्यूयॉर्क में भारत की उपमहावाणिज्य दूत हैं। उन्हें अपनी नौकरानी के वीजा आवेदन में गलत घोषणा करने के आरोप में 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें बाद में ढाई लाख डॉलर के मुचलके पर छोड़ा गया था।कपड़े उतरवाकर उनकी तलाशी ली गई थी और उन्हें कैदियों के साथ हिरासत में रखा गया था। इससे दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया। इसके जवाब में भारत ने पिछले महीने अमेरिकी राजनयिकों की कई श्रेणियों में विशेषाधिकारों को कम करने सहित कुछ कदम उठाए थे। (वार्ता)