आतंकी हाफिज सईद से डॉ. वैदिक की मुलाकात पर बवाल...
, रविवार, 13 जुलाई 2014 (19:44 IST)
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने अपनी पाक यात्रा के दौरान भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी और 26/11 को मुंबई पर हुए आंतकी हमले के आरोपी हाफिज सईद से मुलाकात की।
सोशल साइट्स पर वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक और हाफिज सईद से मुलाकात की तस्वीर वायरल हो गई। इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर डॉ. वैदिक को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। वैदिक ने ये मुलाकात 2 जुलाई को थी, लेकिन तस्वीर के वायरल होने के बाद वैदिक ने कहा, 'हां! मैंने खुद फेसबुक पर मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की है। मैंने नवाज शरीफ और पाकिस्तान के दूसरे नेताओं से भी मुलाकात की है।'उन्होंने अपनी मुलाकात का बचाव करते हुए कहा, 'मुझे पाकिस्तान में सभी लोग जानते हैं और मेरे एक मित्र के माध्यम से मेरी हाफिज से मुलाकात हुई थी। सईद ने मेरे इंटरव्यूज देखे और मेरे लेख पढ़े हैं। मैंने उनसे एक पत्रकार होने के नाते मुलाकात की है।'वैदिक आगे कहते हैं, 'मैंने उनके हर बयान का विरोध किया, बातचीत शुरुआत में काफी तीखी रही, लेकिन बाद में उनकी राय बदल गई।' हालांकि, वैदिक ने ये साफ नहीं किया है कि उनसे बातचीत के दौरान किस बात पर हाफिज सईद की राय बदल गई लेकिन उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया कि किस तरह की राय बदली है।पीटीआई की हिंदी सेवा 'भाषा' के संपादक रह चुके वैदिक देश के कई समाचार पत्रों में प्रमुख पद पर रहे। उन्होंने कहा कि मेरी और सईद की मुलाकात 70 मिनट तक हुई। मैंने अपनी मुलाकात के बारे में भारत सरकार के अधिकारियों को बता दिया है। मैं एक पत्रकार हूं और मेरे दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं।उन्होंने कहा कि सईद का कहना था कि पाकिस्तान को नरेन्द्र मोदी से खतरा है। मोदी ने गुजरात में क्या किया? तब मैंने उससे कहा कि मोदी से पाकिस्तान को खतरा नहीं होना चाहिए। मोदी ने पूरे लोकसभा चुनाव में एक बार भी न तो पाकिस्तान के खिलाफ, न इस्लाम के खिलाफ, यहां तक कि मुसलमानों के खिलाफ एक शब्द तक नहीं कहा। सईद का कहना था कि भारत सरकार मुझे बुलाए। इस पर वैदिक ने कहा कि सरकार तो इंतजार कर रही है। भारत आते ही तुम्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और जेल में डाल दिया जाएगा। वैदिक ने कहा कि सईद पूरी बातचीत में आखिरी तक अड़ा रहा कि उसने कोई आतंकी काम नहीं किया है।वैदिक की आतंकी सईद से मुलाकात के बाद विभिन्न राजनैतिक दलों ने आलोचना की जबकि कुछ पार्टियों का कहना था कि पत्रकार किसी से भी मुलाकात कर सकता है। पत्रकारों ने ओसामा बिन लादेन तक से मुलाकात करके साक्षात्कार छापा था।