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आपदा के बाद उत्तराखण्ड में अब सियासत का दौर

महेश पाण्डे, देहरादून से

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, शनिवार, 6 जुलाई 2013 (01:00 IST)
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उत्तराखण्ड में आई आपदा के बाद राज्य में अब सियासत का भी दौर शुरू हो चला है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल जहां आज उत्तराखण्ड की आपदा पर संवेदना प्रकट करने देहरादून पहुंचे वहीं उन्होंने राज्य की आपदा में सहयोग का भरोसा देते हुए सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुण्ड साहिब एवं अन्य धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण हेतु दस करोड़ की सहायता देने की बात कहीं। बादल ने दस हजार टन आटा, चावल, दूध पावडर, 10 हजार कम्बल और आवश्‍यकतानुसार ऊनी स्वेटर भेजने का भी भरोसा दिलाया

बादल ने कहा कि आपदा जितनी व्यापक थी उससे निबटने में राज्य सरकार, सेना, आईटीबीपी, वायुसेना एवं पुलिस सभी ने अच्छा काम कर दिखाया। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री को संकट की इस घड़ी में हरसंभव सहायता पंजाब द्वारा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।

उत्तराखण्ड के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जरूरी राहत को लेकर सरकार की व्यस्तता एवं मौसम की मार के मद्देनजर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का उत्तराखण्ड का 15 जुलाई को प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया गया है। मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को आज निर्देश दिए हैं कि वह प्रदेश में वीवीआईपी दौरों के कार्यक्रम न बनवाए, इससे राज्य में राहत कार्यों में बाधा आती है। मानवाधिकार आयोग ने राहत व बचाव के लिए जरूरी सामान की भी सूची बनाने के निर्देश सरकार को दिए हैं।

उत्तराखण्ड में आपदा के बाद अब सियासत तेज होने लगी है। आज भाजपा का एक प्रतिनिधिमण्डल राज्यपाल अजीज कुरैशी से मुलाकात कर लौटा। इस शिष्ट मण्डल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर 20 दिनों के भीतर भी इस आपदा में मारे गए लोगों की संख्या तक सरकार द्वारा घोषित न किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की।

भाजपा अध्यक्ष तीरथसिंह रावत एवं प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में गए इस शिष्ट मण्डल ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे सरकार को निर्देशित करें कि भाजपा कार्यकर्ताओं को केदारनाथ रामबाणा और आसपास क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी जाए ताकि वे वहां पड़ी अधजली लाशों और सड़ने के कगार पर पहुंच चुके शवों का वैदिक रीति से दाह संस्कार कर सकें।

साथ ही भाजपा ने मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो चुके तमाम गांवों में खाद्यान्न संकट दूर करने एवं मोटर मार्गों को ठीक करने के भी निर्देश राज्य सरकार को देने की मांग की है। राज्य में पिंडर अलकनंदा, भागीरथी मंदाकिनी और गंगा के किनारे बसे लोगों को ऊपर के इलाकों में जाने के लिए कह दिया गया है। मौसम की खराबी से यह कवायद की जा रही है।

उधर राज्य के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रसद आपूर्ति के लिए चलाए जा रहे राहत कार्य में मौसम खराब होने एवं बारिश होने से खलल पहुंची है। उत्तराखण्ड पुलिस समेत वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के मजदूरों की टीम के साथ एक 84 सदस्यीय दल जो केदारनाथ में शवों की तलाश कर उनके दाह संस्कार के लिए भेजा गया है, तक भी आज हेलीकॉप्टरों की उड़ान न भर पाने से उस दल के सम्मुख खाद्य एवं रसद का संकट पैदा होने के समाचार मिल रहे हैं।

दो दिनों से इस क्षेत्र में हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते उड़ान नहीं भर सके हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला मुनस्यारी तहसीलों के तबाह गांवों तक भी आज हेलीकॉप्टर रसद नहीं पहुंचा सके। बागेश्‍वर, रुद्रप्रयाग एवं पिथौरागढ़ जिले में मौसम की खराबी से राहत बचाव कार्य बाधित हो रहा है, जिससे हालात दिनोंदिन बिगड़ रहे हैं।

गढ़वाल के चमोली जिले के कुछ क्षेत्रों में आज राज्य के मुख्य सचिव सुभाष कुमार पैदल पहुंचे। दस किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद उन्होंने चमोली जिले के नारायणबगड़ से थराली क्षेत्र में 20 जुलाई तक छोटे वाहनों के लिए रोड खुलवाने का अनुरोध देश के रक्षा सचिव से किया। इस क्षेत्र में रोड निर्माण रक्षा विभाग के अधीन है। सीमा सड़क संगठन रोड का रखरखाव करता है। थराली पुल के निर्माण का काम युद्धस्तर से शुरू करने के निर्देश मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को दिए हैं।

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