नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के कानून मंत्री सोमनाथ भारती की मुश्किलें और बढ़ गई है। एक इमारत में चल रहे वेश्यावृति अड्डे पर छापेमारी और पुलिस अफसरों से उलझने के बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है।पूर्व सॉलिसिटर जनरल वकील हरीश साल्वे ने सोमनाथ भारती पर आरोप लगाया है कि बीते दिनों आधी रात को कानून मंत्री की ओर से की गई छापेमारी के दौरान उन्होंने अपने समर्थकों के साथ युगांडा की चार महिलाओं को जबरन बंधक बनाकर उन्हें धमकी दी।साल्वे ने आरोप लगाते हुए कहा कि इनमें से एक महिला को शौचालय तक नहीं जाने दिया और मजबूरन उसे लोगों के सामने ही शौच करना पड़ा। इस मामले में युगांडा के दूतावास ने गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है।
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उल्लेखनीय है कि सोमनाथ भारती अपने कुछ समर्थकों के साथ 15 जनवरी की आधी रात दिल्ली स्थित खिड़की गांव गए थे जहां एक घर पर छापा मारने से इंकार करने के बाद दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी से उनकी बहस हो गई।
सोमनाथ भारती का आरोप था कि उस इमारत से वेश्यावृति और मादक पदार्थों की तस्करी का रैकेट चलता है। इसके बाद भारती अपने समर्थकों के साथ उस महिला के घर में जबरन घुस गए। हालांकि इन महिलाओं पर किए गए परीक्षण में ड्रग्स की मात्रा नहीं मिली थी। वहीं, महिलाओं ने आरोप लगाया है कि मंत्री और उनके साथ मौजूद लोगों ने न केवल उनके साथियों के साथ मारपीट की और उन्हें जबरदस्ती गाड़ी में घुमाते रहे।
पीड़ित महिलाओं की ओर से हरीश साल्वे ने दिल्ली पुलिस में इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद भारती अपने समर्थकों के साथ उस महिला के घर में जबरन घुस गए और इस दौरान ये वाकया हुआ। पुलिस के छापा मारने से इनकार के बाद भारती की एसीपी रैंक के एक अधिकारी से बहस हो गई।
इन महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने दिल्ली पुलिस में इस संबंध में "अज्ञात लोगों" के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। साल्वे ने कहा कि वह आश्चर्यचकित है कि पुलिस मंत्री और उनके साथ उपस्थित भीड़ को गिरफ्तार करके उनसे कड़ाई से क्यों नहीं निबटी।
अगले पन्ने पर, महिलाओं का जबरन कराया मेडिकल टेस्ट...
दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती की ओर से खिड़की एक्सटेंशन में की गई छापेमारी की कार्रवाई में अब एक नया मोड़ आ गया है। युगांडा की चार महिलाओं ने शिकायत की है कि मंत्री अपने समर्थकों और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उन्हें जबरन सरकारी अस्पताल में ले गए और वहां उनका मेडिकल टेस्ट कराया।
साल्वे के मुताबिक, मंत्री ने एक महिला को शौचालय तक नहीं जाने दिया और उसे सबके सामने पेशाब करने का मजबूर किया। इन महिलाओं पर किए गए परीक्षण में ड्रग्स की मात्रा नहीं मिली थी। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि मंत्री और उनके साथ मौजूद लोगों ने न केवल उनके साथियों के साथ मारपीट की और उन्हें जबरदस्ती गाड़ी में घुमाते रहे।