संप्रग सरकार एक ओर जहाँ लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष से ऐसा कुछ न करने को कहा, जिससे उनके पद की महत्ता कम हो।
सोमनाथ को भेजे पत्र में जेठमलानी ने कहा है कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए। जेठमलानी ने कहा मैं इस बात को समझता हूँ कि आप इस्तीफा देने के लिए वाम दलों के दबाव में हैं।
स्पष्ट तौर पर उन्हें आपके वोट की बुरी तरह से जरूरत है। यदि आप वाम दलों के दबाव में इस्तीफा दे देते हैं तो आपको विश्वास मत के समय वोट डालने से इनकार कर देना चाहिए।
पत्र में एक आधिकारिक दस्तावेज के हवाले से कहा गया है अध्यक्ष पद किसी भी राजनीतिक विवाद से ऊपर है और इस पर बैठा व्यक्ति किसी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं होता।