उपराष्ट्रपति पद के लिए शुक्रवार को होने जा रहे मतदान के संभावित नतीजे पहले ही से एकदम स्पष्ट होने के कारण उसमें किसी प्रकार की उत्सुकता नहीं रह गई है।
सत्तारूढ़ गठबंधन वाम दलों और बसपा के एकजुट हो जाने से संप्रग वाम उम्मीदवार हामिद अंसारी की भारी अंतर से जीत में कोई शक नहीं है।
राजग और तीसरा मोर्चा दोनों ही सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर चुके हैं कि वे केवल अपनी पहचान दर्ज कराने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
राजग ने 2004 से पहले तक कांग्रेस में रहीं नजमा हेपतुल्ला को और तीसरे मोर्चे ने सपा नेता रशीद मसूद को उम्मीदवार बनाया है।
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठी भाजपा की सुषमा स्वराज ने इस बार संख्या बल की महत्ता को स्वीकारते हुए कहा मुकाबले की स्थिति पैदा नहीं कर पाने के बावजूद संप्रग के लिए मैदान को खाली तो नहीं छोड़ा जा सकता था।
सपा के अमरसिंह ने कहा कि हमें मालूम है कि हम जीत नहीं सकते। हम अपनी पहचान कायम करने के लिए चुनावी दौड़ में कूदे हैं।