कानून व आस्था में टकराव नहीं-आडवाणी
नई दिल्ली , रविवार, 3 अक्टूबर 2010 (18:22 IST)
अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के दो दिन बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उस पर रविवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि 'कानून ने आस्था की पुष्टि' करते हुए साबित किया कि दोनों के बीच टकराव नहीं है।आडवाणी ने कहा कि इस फैसले से सुलह का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा कि वे यह देखकर ‘अत्यधिक खुश’ हैं कि इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद राष्ट्र एक ऐसे भाग्यशाली बिन्दु पर आ गया है, जहाँ ‘न्यायिक निर्णय’ और ‘सौहार्दपूर्ण समाधान’ का अच्छा मेल हो सकता है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा दोनों ने इस बात पर जोर दिया है कि इस निर्णय ने देश के लाखों लोगों के इस विश्वास को न्यायिक मान्यता दे दी है कि जिस अस्थायी मंदिर में रामलला विराजमान हैं, वह राम जन्मभूमि है। अब स्थिति आस्था बनाम कानून की नहीं रह गई है। आस्था की कानून ने पुष्टि कर दी है।राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 में सोमनाथ से अयोध्या की रथ यात्रा करने वाले आडवाणी ने कहा कि अटलबिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में इस विवाद का हल लगभग होने को था। उन्होंने कहा कि जिस भावना से मुस्लिम हमलावरों द्वारा गिराए गए सोमनाथ मंदिर का पुनर्निमार्ण कराया गया था उसी भावना के तहत वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की वकालत करते रहे हैं। (भाषा)