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कॉमनवेल्थ में अभेद्य सुरक्षा चक्रव्यूह

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नई दिल्ली , शनिवार, 2 अक्टूबर 2010 (22:55 IST)
रविवार से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स की सुरक्षा के लिए तैयार किए गए चक्रव्यूह को पार करना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल है। आसमान में यूएवी और हेलिकॉप्टरों से लेकर अचूक निशानेबाज, बम निरोधक दस्ते और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों के साथ एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी देश की किसी भी खेल प्रतिस्पर्धा के लिए संभवत: अब तक के सबसे बड़े सुरक्षा इंतजाम को संभाल रहे हैं।

किसी आतंकवादी हमले या गड़बड़ी के अन्य प्रयास से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस के अलावा केन्द्रीय अर्धसैनिक बल, कमांडो दस्ता, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), त्वरित कार्रवाई बल, खोजी कुत्ते, महिला दस्ता और बम निरोधक दस्ता तैयार है।

सुरक्षा तैयारियों को लेकर नोडल एजेंसी दिल्ली पुलिस और खेलों के दौरान सुरक्षा के सभी इंतजामों की कमान पुलिस आयुक्त वाईएस डडवाल के हाथ में है। केन्द्रीय गृहमंत्री और गृह सचिव जीके पिल्लै लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। खेलों के लिए गृह मंत्रालय में अलग से एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है।

सरकारी सूत्रों ने कहा कि खेलों के दौरान आतंकवादी हमले के प्रयास की कोई विशिष्ट सूचना नहीं है, लेकिन हम अपनी ओर से तैयारियों में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहते और कोई जोखिम भी नहीं उठाना चाहते। कई स्तर का सुरक्षा तंत्र खेल आयोजन स्थलों और खेलगाँव में बनाया गया है, जिसे भेदना काफी मुश्किल है।

किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना को तैयार रहने के लिए कहा गया है। हालाँकि वायुसेना के हेलिकॉप्टर और कमांडो स्टेडियमों और खेलगाँव के ऊपर लगातार निगरानी करेंगे। इसके अलावा मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) भी तैनात किए गए हैं, जो आसमान से हमले के किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने को तैयार हैं।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि खेलों के दौरान अर्धसैनिक बलों की 175 कंपनियाँ तैनात की गई हैं। तीन हजार कमांडो, तोडफोड की कार्रवाई को रोकने के लिए सौ जवानों का दस्ता, विशेष रूप से प्रशिक्षित 200 खोजी कुत्ते और बम निष्क्रिय करने वाले 15 दस्ते भी दिल्ली पुलिस की मदद करेंगे। अर्धसैनिक बलों की एक कंपनी में आम तौर पर 100 जवान होते हैं।

सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) सेना के जवान किसी भी रासायनिक, जैविक, रेडिएशन और परमाणु हमले का मुकाबला करने को तैयार हैं।

दिल्ली पुलिस की विशेष हथियार एवं रणनीति टीम के 150 जवानों को भारतीय वायुसेना और एनएसजी ने विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है, जो आसमान से होने वाले किसी भी दुस्साहस का सामना करने को तैयार हैं।

सूत्रों ने कहा कि खुफिया एजेंसियों की ओर से किसी आतंकवादी हमले के प्रयास की विशिष्ट सूचना नहीं है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियाँ इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि खेलों को लेकर किस तरह के खतरे हो सकते हैं और उनका मुकाबला कैसे करना है।

सुरक्षाबल स्टेडियमों और खेलगाँव में अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों के साथ तैनात हैं। इनमें सीसीटीवी कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक जाँच मशीनें, कार स्कैनर, पास रीडर आदि प्रमुखता से शामिल हैं।

दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर एक एकीकृत संचार तंत्र स्थापित किया है, जो सभी आयोजन स्थलों और खेलगाँव के सीसीटीवी नेटवर्क से जुड़ा है। राष्ट्रीय राजधानी की संवेदनशील जगहों, पर्यटन केन्द्रों, प्रमुख होटलों, सार्वजनिक स्थानों पर भी सुरक्षा चाक चौबंद रखी गई है। शॉपिंग मॉल और मेट्रो के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

शहर के प्रमुख स्थानों पर अन्य राज्यों से लाए गए पुलिसकर्मी भी तैनात होंगे। पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में भी तैनात किया गया है। कई जगहों पर बंकर बनाए गए हैं।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि खेलों के लिए कुल मिलाकर चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। स्वयं चिदंबरम जनता से अपील कर चुके हैं कि वे सब कुछ भूलकर खेलों का आनंद उठाएँ। (भाषा)

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