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क्या प्रियंका गांधी होंगी तुरुप का इक्का..?

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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। न सिर्फ राहुल गांधी बल्कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वढेरा भी इस बार बड़ी भूमिका में दिखाई दे सकती हैं। यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में प्रियंका को 'तुरुप के इक्के' के रूप में इस्तेमाल कर सकती है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस जहां राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकती है, वहीं प्रियंका को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। यह भी संभव है कि बीमारी के चलते सोनिया अपनी जिम्मेदारी प्रियंका को सौंप दें।

इन बातों को इससे भी बल मिल रहा है कि उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी पार्टी की साख को नहीं बचा पाए। दिल्ली में तो कई स्थानों पर ऐसा भी हुआ जब लोग राहुल की सभा से भी उठकर चले गए। हाल ही में हुए कुछ सर्वेक्षणों में भी इस बात के संकेत दिए गए हैं कि कांग्रेस 75 महज 75 सीटों पर सिमट सकती है।

ऐसे में अब पार्टी को अब ऐसे चेहरे की जरूरत है जो न सिर्फ पार्टीजनों को एकजुट रख सके बल्कि मोदी और आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच मतदाताओं पर भी अपना असर छोड़ सके। प्रियंका के अलावा कांग्रेस के पास अब ऐसा कोई चेहरा भी नहीं है जिसे आगामी लोकसभा चुनाव में वह 'ब्रह्मास्त्र' के रूप में उपयोग कर सके।

बैठक में प्रियंका की मौजूदगी के मायने... पढ़ें अगले पेज पर...


उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी मंगलवार को अपने भाई राहुल गांधी द्वारा वरिष्ठ नेताओं के साथ की गई बैठक में शामिल हुईं, इसके बाद से ही इस तरह की चर्चा चल पड़ी है। हालांकि पार्टी के नेता इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन जानकार मानते हैं कि अंदर ही अंदर कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है। इसका खुलासा निकट भविष्य में हो सकता है।

पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर सिर्फ इतना ही कहा कि इसमें कुछ भी नया है, प्रियंका समय-समय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करती रहती हैं। यदि उन्होंने नेताओं से बातचीत की है तो इसमें आश्चर्य क्या है। हालांकि कुछ लोग इसे 17 जनवरी को राहुल गांधी की होने वाली ताजपोशी की तैयारी से भी जोड़कर देख रहे हैं। बड़ी बात यह रही कि राहुल इस बैठक में मौजूद नहीं थे।

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