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क्‍या कहते हैं पूर्व वायुसेना प्रमुख

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नई दिल्ली , बुधवार, 13 फ़रवरी 2013 (21:34 IST)
नई दिल्ली। इटली की कंपनी से खरीदे जा रहे वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के सौदे को लेकर लग रहे तमाम आरोपों के बीच वायुसेना के कई पूर्व प्रमुखों का कहना है कि इस सौदे में वायुसेना का काम सिर्फ तकनीकी पहलुओं की जांच करना था, वाणिज्यिक पहलुओं पर बातचीत में उसकी (वायुसेना की) कोई भूमिका नहीं थी।

पूर्व वायुसेना प्रमुख पीवी नायक ने कहा, मैं कुछ चीजें स्पष्ट करना चाहता हूं। भारतीय वायुसेना की प्राथमिक जिम्मेदारी गुणवत्ता की जांच करना है। हम रक्षा मंत्रालय की ओर से मंजूरी प्राप्त वायुयानों की तकनीकी जरूरतों की जांच करते हैं, विभिन्न वायुयानों (हेलीकॉप्टरों) की क्षमता, हथियार प्रणाली आदि की समीक्षा करते हैं और अपनी रिपोर्ट देते हैं।

पूर्व एयर चीफ मार्शल एस. कृष्णस्वामी का कहना है कि जो हेलीकॉप्टर विवाद में हैं, उनकी खरीद अति विशिष्ट (वीवीआईपी) लोगों को लाने-ले-जाने के लिए की गई है, रक्षा उपयोग के लिए नहीं। उन्होंने दावा किया कि खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से प्रधानमंत्री कार्यालय और विशेष रक्षा समूह (एसपीजी) से संचालित थी।

कृष्णस्वामी ने कहा, यह रक्षा सौदा नहीं था, यह वीआईपी सौदा था। इसके लिए वीआईपी लोगों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए और जवाबदेही उनकी होनी चाहिए। भारतीय वायुसेना सिर्फ तकनीकी जांच-परख में शामिल थी।

उन्होंने कहा, वीआईपी वायुयानों और हेलीकॉप्टरों की चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह प्रधानमंत्री कार्यालय और विशेष सुरक्षा समूह से संचालित होती है। वे ही जरूरतें तय करते हैं। मेरे विचार में प्रक्रिया में कई गलतियां थीं, वरना ऐसे आरोप नहीं लगते।

इटली की कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के 3600 करोड़ रुपए के सौदे को रद्द करना चाहिए या नहीं इस बात पर पूर्व वायुसेना प्रमुख पीवी नायक ने कहा कि हेलीकॉप्टरों की बहुत सख्त जरूरत है, क्योंकि फिलहाल जिन हेलीकॉप्टरों का उपयोग हो रहा है, वे 10 वर्ष पुराने हैं। (भाषा)

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