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देवानंद की 'रोमांसिंग विद लाइफ' हिन्दी में

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नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 23 सितम्बर 2008 (18:30 IST)
पिछले छह दशक से अपने अभिनय और निर्देशन से हिंदी फिल्म जगत को समृद्ध बनाने वाले सदाबहार अभिनेता देवानंद अब अपनी आत्मकथा 'रोमांसिंग विद लाइफ' का हिंदी संस्करण शीघ्र ही लाना चाहते हैं।

एक समय जवाँ दिलों की धड़कन माने जाने वाले देव ने मुंबई से फोन पर बताया कि करीब दो वर्ष पहले जारी की गई उनकी आत्मकथा को बाजार में काफी अच्छा प्रतिसाद मिला है।

इससे वे काफी उत्साहित हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी बेहद सक्रिय देव साहब ने बताया कि वह 'रोमांसिंग विद लाइफ' का अंतरराष्ट्रीय संस्करण जारी करने के लिए शीघ्र ही लंदन जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का अंतरराष्ट्रीय संस्करण हार्डकवर में निकाला जाएगा।

उन्होंने बताया कि अभी उनकी इस आत्मकथा का पेपरबैक संस्करण ही निकाला गया था। 'रोमांसिंग विद लाइफ' का विमोचन पिछले साल प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने 26 सितंबर को देवानंद के जन्मदिन पर किया था।

उम्र के आठ दशक पूर्ण कर चुके देव ने बताया कि उन्होंने आत्मकथा में अपनी फिल्मी और निजी जिंदगी के कई महत्वपूर्ण अनुभवों और विचारों को अभिव्यक्त किया है। वह चाहते हैं कि हिन्दुस्तान में उनके ढेरों प्रशंसकों तक उनकी बात पहुँचे। उन्होंने बताया कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह अपनी आत्मकथा को शीघ्र ही हिन्दी में लाने के बारे में सोच रहे हैं।

देवानंद ने बताया कि 'रोमांसिंग विद लाइफ' का हिन्दी संस्करण निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक पेंगुइन ने प्रस्ताव दिया था, जिस पर वे विचार कर रहे हैं। देव को भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे मजबूत स्तंभ के तौर पर देखा जाता है। एक समय राजकपूर, दिलीप कुमार और देवानंद की तिकड़ी हिंदी फिल्म जगत की धुरी हुआ करती थी।

देव अपने अभिनय के साथ ही अपनी आड़ी-तिरछी चाल और अनोखे अंदाज में पलके झपकाने और बाँहें हिलाने की अदा के कारण फिल्म प्रेमियों में अपना एक खास स्थान रखते थे।

उन्होंने बताया कि वह इस पुस्तक के अनुवाद आदि विभिन्न ब्योरे पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी तमन्ना है कि यह पुस्तक हिन्दी के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं में भी निकले।

अपनी आत्मकथा में इस सदाबहार अभिनेता ने 1930 के दशक में गुरदासपुर और लाहौर में गुजारे अपने युवाकाल के दिनों का 1940 के दशक में मुंबई में अपने संघर्ष के दौर का गुरूदत्त से मित्रता, सुरैया के साथ रोमांस, कल्पना कार्तिक से विवाह मुंबई लाने वाले अपने भाई चेतन आनंद और देवानंद को मुख्य भूमिका में लेकर एक के बाद एक हिट फिल्में बनाने वाले विजय आनंद के साथ रिश्तों का जिक्र किया है।

इस किताब में देव की फिल्मों में लोकप्रिय संगीत देने वाले एसडी बर्मन, आरडी बर्मन समकालीन कलाकारों दिलीप कुमार और राजकपूर अभिनेत्रियों गीताबाली, मधुबाला, मीना कुमारी, नूतन वैजयंतीमाला, मुमताज, हेमामालिनी, वहीदा रहमान, जीनत अमान तथा टीना मुनीम आदि से उनकी नजदीकियों का भी जिक्र है।

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