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देश की पहली मोबाइल अदालत का उद्‍घाटन

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हमें फॉलो करें एपीजे अब्दुल कलाम केजी बालकृष्णन मोबाइल अदालत
पुन्हाना (भाषा) , शनिवार, 4 अगस्त 2007 (18:00 IST)
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का सपना आज उस समय साकार हो गया, जब प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन ने हरियाणा के पुन्हाना कस्बे में देश की पहली मोबाइल अदालत का उद्‍घाटन किया।

यह मोबाइल अदालत एक बस में स्थापित की गई है जिसमें न्यायाधीश अपने पूरे दल-बल के साथ हरियाणा के पिछड़े इलाके मेवात में जगह-जगह जाकर उनके गाँव में ही न्याय प्रदान करेंगे।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति बालकृष्णन ने हरियाणा सरकार और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि अन्य राज्य सरकारें भी अपने यहाँ इस व्यवस्था को लागू करेंगी।

उन्होंने कहा कि जब तक किसान मजदूर को सच्चा, सुलभ और सस्ता न्याय नहीं मिलता तब तक न्याय प्रणाली अधूरी है। यदि न्याय प्रणाली असफल होती है तो कानून का नियम भी असफल होता है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को मोबाइल अदालतों की शुरुआत के लिए अधिक से अधिक वित्तीय मदद देनी चाहिए, ताकि आम आदमी के आँसू पोंछे जा सकें। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी आर्थिक विकास दर का फायदा आम आदमी को नहीं मिलता तब तक आर्थिक वृद्धि अधूरी है।

न्यायमूर्ति बालकृष्णन ने लोगों को भी यह सलाह दी कि छोटी-छोटी बातों को कोर्ट कचहरी न ले जाएँ और अपने अधिकारों तथा शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करें।

कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने कहा कि मोबाइल अदालतों की शुरुआत के लिए पूरे देश में सात हजार स्थानों का चयन किया गया है। केंद्र इसमें पूरी मदद करेगी। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्रसिंह हुड्डा भी मौजूद थे।

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