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बजट को सराहना ज्यादा मिली...

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हमें फॉलो करें आम बजट 2014
, गुरुवार, 10 जुलाई 2014 (19:55 IST)
नई दिल्ली। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को लोग और समय देने के मूड में हैं। यह इससे जाहिर होता है कि बजट की बहुत कम लोगों ने आलोचना की है, जबकि सराहना ज्यादा लोगों ने की है।

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दरअसल, केन्द्रीय बजट के बाद वेबदुनिया ने फेसबुक पर एक सवाल पूछा था- 'आपकी नजर में कैसा है मोदी सरकार का बजट?' इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोगों ने बजट को अच्छा ही बताया। हालांकि कुछ लोगों ने बजट की आलोचना भी की।

मांगूराम शर्मा ने कहा कि पिछले 67 सालों में पहली बार अच्छा बजट आया है। पंकज वर्मा कहते हैं कि सरकार बुलेट ट्रेन ला रही है और इसमें अमीर ही सफर कर पाएंगे। गरीब तो सफर नहीं कर पाएगा। शिव शक्ति के मुताबिक यह बजट गुलाब की तरह है, जिसमें कांटे भी होते हैं।

मुकुल वालकी कहते हैं कि जम्मू से कटरा का रेल किराया 20 रुपए है। टेक्सी वाले 2500 से 3000 रुपए लेते हैं। यही तो अच्छे दिन हैं। कांग्रेस 10 साल में एक 'सरबजीतसिंह' को वापस हिन्दुस्तान नहीं ला सकी और मोदी सरकार 15 दिन में ही इराक में फंसे हुए 174 भारतीयों को खूंखार आतंकवादियों से छुड़ाकर ले आई। मोदीजी 5 साल में देश को यूरोप के विकसित देशों की लाइन में सबसे आगे खड़ा कर देंगे। बस, देश की जनता आलू-प्याज को छोड़कर कुछ बड़ा सोचे।

दीपक शर्मा त्रिलोकपुरा के मुताबिक बजट बकवास है। सरकार को गरीबी रेखा से नीचे वाले व्यक्तियों पर ध्यान देना चाहिए। अंकुश अग्रवाल कहते हैं कि भारत की जनसंख्या के एक बहुत बड़े वर्ग को बजट से कोई राहत नहीं मिली है।

वहीं वेबदुनिया यूजर गजेन्द्र पाटीदार कहते हैं कि उपलब्ध परिस्थितियों में यह उत्कृष्ट बजट है, लोगों को तो यदि मुफ्त में भी दे दिया जाए तो कहेंगे कि मुंह में क्यों नहीं दिया। इस अर्थ में देश को दिशा देने वाला संतुलित बजट है।

डीबीएस सेंगर की राय भी कुछ इसी तरह की है। सेंगर कहते हैं कि पिछली सरकार ने अपने दस साल के राज में सिर्फ यथास्थिति बनाए रखी। घोटाले और घोटाले इसके अलावा देश को बताने के लिए उनके पास कोई उपलब्धि नहीं थी। देश चलाने के लिए देश का खजाना भरा होना चाहिए, जब देश चलाने वाले ही उसे लूटने में मशगूल हो जाएं तो फिर उस देश की हालत खराब होना ही थी।

नई सरकार को अभी तो पिछली सरकार के गड्‍ढों को भरने में पसीना आ जाएगा। फिलहाल उनसे लोक लुभावन बजट की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। बेशक, अगले कुछ महीनों में देश की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, क्योंकि इस सरकार की मंशा पर शक नहीं किया जा सकता।

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