संसद में गुरुवार को पेश आर्थिक समीक्षा में सरकार से एकसमान कर ढाँचा जीएसटी लागू किए जाने समेत इस क्षेत्र में आगे सुधार करने का प्रस्ताव किया गया है। समीक्षा में कहा गया है कि कर प्रणाली अभी भी जटिल बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2008-09 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पिछले कुछ साल से कर ढाँचे और प्रशासन में सुधार के बावजूद कर प्रणाली केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर अभी भी जटिल बनी हुई है।
पिछले कुछ साल में मूल्य वर्धित कर (वैट) चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय बिक्री कर को हटाए जाने, सेवा कर को लाए जाने और सैनवेट को युक्तिसंगत बनाए जाने जैसे कर प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं।
समीक्षा में कहा गया है लेकिन कर की विभिन्न दरें और उस पर दी जाने वाली छूटों के कारण अभी कर प्रणाली जटिल बनी हुई है।
ऐसे में कर प्रणाली को बेहतर बनाने के लिये वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लाये जाने की जरूरत है। जीएसटी को एक अप्रैल, 2010 से लागू किए जाने का कार्यक्रम है।
राज्य के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समिति द्वारा ‘दोहरे’ जीएसटी (केंद्र और राज्य सरकार दोनों) लगाए जाने संबंधी सिफारिशों का उल्लेख करते हुए समीक्षा में कहा गया है कि वित्तीय स्वायत्तता के मामले में यह बेहतर संतुलन स्थापित करेगा।