भारत ने बुधवार को स्पष्ट किया कि भारत-पाक रिश्तों में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। उसने यह अधिकृत बयान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके चीनी समकक्ष हू जिन्ताओ द्वारा जारी संयुक्त विज्ञप्ति में भारत-पाक रिश्तों का उल्लेख किए जाने पर जारी किया।
भारत ने अपना यह दृष्टिकोण भी दोहराया कि आतंक मुक्त माहौल के बिना ‘सार्थक बातचीत’ नहीं हो सकती। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों को शिमला समझौते के अनुरूप शांतिपूर्ण द्विपक्षीय बातचीत के जरिये सुलझाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं हो सकती और इसकी जरूरत भी नहीं है। हम विश्वास करते हैं कि पाकिस्तान के साथ सार्थक बातचीत केवल आतंक अथवा आतंक के खतरे से मुक्त माहौल में ही हो सकती है।
ओबामा और हू दोनों ने बुधवार को दक्षिण एशिया की स्थिति को क्षेत्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों में शुमार करते हुए भारत-पाक संबंधों में सुधार का समर्थन किया था और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के प्रति तत्परता दिखाई थी।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत सम्पन्न होने के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार एवं विकास का समर्थन करते हैं और दक्षिण एशिया से संबंधित मुद्दों पर सहयोग बातचीत एवं संवाद को मजबूत करने तथा उस क्षेत्र में शांति स्थिरता एवं विकास के संवर्धन के लिए तैयार हैं। (भाषा)